जनपथ न्यूज डेस्क/दिल्ली

Edited by: राकेश कुमार
19 सितंबर 2022

नई दिल्ली: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है। सीबीआई ने शनिवार को आईआरसीटीसी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से तेजस्वी यादव के जमानत को रद्द करने की मांग की और विशेष अदालत में अर्जी दायर कर दी। बता दें कि इससे पहले भी सीबीआई के अधिकारियों ने तेजस्वी यादव के घर पर छापेमारी की थी और बीते महीने लालू यादव के करीबी रहे पूर्व एमएलसी सुनील सिंह के घर पर छापेमारी की गई थी। दरअसल कुछ दिनों पहले बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने दावा करते हुए कहा था तेजस्वी यादव जमानत पर बाहर है और कुछ ही दिनों में वह जेल में रहेंगे। साथ ही सुशील सुशील मोदी ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब बिहार के युवा नौकरी की तलाश कर रहे होते हैं तब लालू के लाल करोड़ो की संपत्ति के मालिक बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि मात्र 19 साल में तेजस्वी यादव करोड़ो के संंपत्ति मालिक कैसे बन गए।

बता दे कि सीबीआई ने कहा है कि तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीबीआई अफसरों को धमकाया, इसलिए उनकी जमानत निरस्त की जाए। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने
शनिवार को सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया और मामले को 28 सितंबर 2022 के लिए सूचीबद्ध कर दिया।सीबीआई ने दावा किया कि राजद नेता का आचरण एक महत्वपूर्ण जमानत शर्त का उल्लंघन है। सीबीआई ने कहा कि आरोपी द्वारा दिए गए बयान सीबीआई, अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए एक खुली धमकी हैं। जांच एजेंसी ने दावा किया कि आरोपी ने खुले तौर पर सीबीआई अधिकारियों को जांच करने के खिलाफ चेतावनी दी है, साथ ही इस प्रक्रिया में छल और धमकियों का सहारा लिया है।

याचिका में कहा गया है कि तेजस्वी यादव बेहद प्रभावशाली और ताकतवर हैं। वह एक पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के साथ-साथ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे हैं। वह खुद बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और फिर से हैं।

याचिका में कहा गया है कि तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक सार्वजनिक सभा और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कानून की प्रक्रिया को नष्ट करने और पूरी जांच के साथ-साथ परिणामी परीक्षण को विफल करने का प्रयास किया। यह उन्हें दी गई स्वतंत्रता का खुले तौर पर दुरुपयोग है

सीबीआई ने कहा कि तेजस्वी ने अपने बयान में कहा था कि क्या सीबीआई वालों के मां-बेटे नहीं हैं, उनके परिवार नहीं हैं? क्या वे हमेश सीबीआई अधिकारी रहेंगे? क्या वे सेवानिवृत्त नहीं होंगे? क्या सत्ता में हमेशा एक ही सरकार रहेगी?

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