वॉशिंगटन.अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए मेरीलैंड सीट से भारतवंशी उम्मीदवार अरुणा मिलर (53) मैदान में है। 26 जून को छठे मेरीलैंड प्राइमरी चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की मिलर अपनी ही पार्टी के डेविड ट्रोन को चुनौती देंगी। अरुणा अगर प्राइमरी में जीत दर्ज करती हैं, तो मेरीलैंड से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार होंगी। उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए अपने समर्थकों से 1.36 मिलियन डॉलर (करीब 9.26 करोड़ रुपए) जुटाए हैं। अगर वे सांसद चुनी जाती हैं तो प्रमिला जयपाल के बाद अमेरिकी संसद में जाने वाली दूसरी भारतीय महिला होंगी। 2016 में प्रमिला को यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स का मेंबर चुना गया था।
अरुणा ने अपने प्रतिद्वंद्वी से कम खर्च किया: अरुणा मिलर डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए फंड जुटाने में अहम भूमिका निभाती रही हैं। हालांकि प्राइमरी चुनाव के लिए उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के ट्रोन से कम पैसे खर्च किए हैं। ट्रोन ने प्रचार पर व्यक्तिगत 10 मिलियन डॉलर (करीब 68 करोड़ रुपए) खर्च किए हैं। अरुणा और ट्रोन पर पूरे अमेरिकी मीडिया की नजरें हैं। वॉशिंगटन पोस्ट ने एक सवाल किया है, “महिलाओं के इस साल में, क्या 10 मिलियन डॉलर वाला शख्स हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्ज में जा सकता है?” मेरीलैंड सीट वॉशिंगटन में आती है, जिसे डेमोक्रेटिक की पकड़ वाला माना जाता है।
हैदराबाद में पैदा हुई थीं अरुणा: वे 1972 में सात साल की उम्र में अमेरिका आ गई थीं। उन्होंने यहां से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। 2010 में वे मेरीलैंड स्टेट डेलिगेट के तौर पर चुनी गईं थी। इस चुनाव में उन्हें मेरीलैंड स्थित भारतवंशियों से उन्हें जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर मैं यूएस कांग्रेस के लिए चुनी गई तो मेरा सबसे अहम काम शरणार्थियों की खराब व्यवस्था में सुधार लाना होगा। अमेरिका में नागरिकता के लिए एक रास्ता बनाने की जरूरत है।