औरैया में हुए 24 मजदूरों के दर्दनाक मौत और देश भर में अन्यत्र हुए मजदूरों की मौत पर बिहार महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष मंजूबाला पाठक ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।आंखों में आंसू लिए उन्होंने कहा ऐसा लग रहा है जैसे देश के ये हालात मजदूरों की वजह से ही हुए है।कम से कम केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी ऐसा ही मानने को मजबूर कर रही है।जिन सरकारों को इन्ही लोगो ने चुना था वो इतनी क्रूर कैसे हो सकती है?मज़दूरो को मरने के लिए छोड़ दिया गया है।भूख से,प्यास से,कुचल कर या फिर महामारी से।इन चलते हुए लोगो को सरकार ना तो खुद भोजन दे रही है और ना कोई व्यवस्था, और अगर कोई सामाजिक संस्था इन्हें भोजन पानी उपलब्ध कराती है तो उत्तर प्रदेश पुलिस उन्हें नोटिस पकड़ाती है और मजदूरों को लाठियां।क्या यही नियति है मजदूरों की?माँ के कंधे पर बिलखते बच्चे,गर्भवती महिलाएं,क्या इनको देख कर भी केंद्र सरकार का कलेजा नही पसीजता क्या?हिदुस्तान का भविष्य सड़को पर है वो भी भूखे,लेकिन सरकार आदममुग्धा से ग्रसित हो गई है।इनको गरीब और गरीबो के दुख का अंदाज़ा ही नही है।
केंद्र और राज्य सरकारें एक दूसरे पर आरोप प्रत्यऱोप लगा कर मजदूरों की मौत के कारण को छुपाने में लगी हुई हैं।क्या संसदात्मक शासन में ज़िम्मेवारी केंद्र की नही होती?कैसे इन हुक्मरानों का कलेजा नही पसीजता?कैसे इन्हें नींद आती है?ये मजदूर हमारे अपने नही है क्या?जिनको देश मे रहना पसंद नही था जी विदेशो में थे उन्हें आप हवाईजहाज से देश बुला रहे हो?और जिन मजदूरों ने अपना खून पसीना इस देश को चमकाने में लगाया उन्हें आपने मरने के लिए छोड़ रखा है?उत्तर प्रदेश की सरकार ने तो अपनी सीमाएं फिर से सील कर दिया है।बिहार की सरकार का तो समझ ही नही आता,मजदूर लगातार मर रहे है और सरकार को कोई चिंता ही नही है।मैं नीतीश जी से अपील करती हूं कि मजदूरों को घर तक पहुँचाने के लिए ट्रेन और बसेस की व्यवस्था की जाएं।
इस हृदयविदारी दृश्य को देख कर असह्य कष्ट हो रहा है।मैं केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि जल्द से जल्द इन लोगो को घर पहुचाने के लिए बसों की व्यवस्था की जाएं।इनके भोजन का प्रबंध किया जाए।इसके अलावा मारे गए मजदूरों के परिवारों को आर्थिक मदद की भी व्यवस्था की जाए।मजदूरों बैंक एकाउंट मे पैसे डाले सरकार।समय रहते अगर सरकार ने अपनी आंखें नही खोली तो पूरे देश को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।कोई हवाई जहाज वाला नही आएगा आपके घर बनाने।आपके खेतो में काम करने को।अपने बच्चो को अपनी गोद मे भूख और प्यास से बिलखते हुए देख कर माँ भारती का कलेजा भी फट रहा होगा।

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