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विपक्षी एकता की मुहीम : मल्लिकार्जुन खड़गे ने नीतीश,स्टालिन और ठाकरे को किया फ़ोन

जनपथ न्यूज़ डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
8 अप्रैल 2023

देश में आगामी साल यानी 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में देश की तमाम विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए अब खुद कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने भाजपा के विरोध में खड़ी राजनीतिक पार्टियों के सर्वमान्य नेता से बातचीत की है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर बात की है। दरअसल, भाजपा के विरोध में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की तेयारी कर रही राजनीतिक पार्टियों द्वारा इस बार विपक्षी एकता की मुहीम को बल दिया गया है। देश के तमाम विपक्षी दल के नेता इसको लेकर मीटिंग भी कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर सम्मेलन भी आयोगित करवाया जा रहा है। इस बीच अब जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक देश के विपक्ष में बैठी पार्टी कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तामिलनाडू के मुख्यमंत्री एम० के० स्टालिन और शिवसेना (यूबीटी)के नेता उद्धव ठाकरे से फ़ोन कर बाचीत की है। खड़गे ने इन लोगों से विपक्षी एकजुटता को लेकर बातचीत की है और आगे की रणनीति को लेकर भी चर्चा की गई है। इस दौरान उनको सभी लोगों से पॉजिटिव फीडबैक मिलने की भी बात कही जा रही है।

विदित हो कि, विपक्षी एकता के प्रदर्शन के लिए सोमवार को दिल्ली में सम्मेलन का आयोजन किया गया था,जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शामिल हुए थे। यह सम्मेलन एमके स्टालिन के नेतृत्व में की गई थी। इसमें कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए थे। गौरतलब हो कि, करीब डेढ़ महीने पहले ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि 2024 में कांग्रेस विपक्ष का नेतृत्व करेगी। फरवरी में नगालैंड चुनाव के वक्त उन्होंने एक दीमापुर में रैली को संबोधित करते हुए दावा किया था कि 2024 में कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन ही बीजेपी को सत्ता से बाहर करेगा।

वहीं इस बार संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन भी कई विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने का काम किया। इस दौरान उनलोगों से आगे भी साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया। हालांकि,भारत राष्ट्र समिति ने साफ कर दिया कि विचारधारों का यह मिलन कार्यक्रम पर आधारित होगा। पर सभी दल विपक्षी एकजुटता को लेकर सहमत हैं।

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