जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
4 फरवरी 2023

बिहार के सीतामढ़ी जिला में सत्ताधारी दल जदयू को बड़ा झटका लगा है। इस पार्टी से एक-दो नहीं, बल्कि थोक में 36 नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी का दामन झटककर पाला बदल लिया है। जो नेता और कार्यकर्ता कल तक सूबे के सीएम नीतीश कुमार की गुणगान कर रहे थे,उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलजेडी का दामन थाम लिया। जदयू के ये सभी नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का दामन थाम लिए हैं। जदयू से अलग होने के बाद इन नेताओं ने नीतीश कुमार के बारे में काफी भला-बुरा कहा है।

*कुशवाहा ने पार्टी में किया स्वागत*: विदित हो कि उपेन्द्र कुशवाहा सीतामढ़ी में एक दिवसीय भ्रमण पर आये हुए थे। इसी दौरान जिले के जदयू के 3 दर्जन से अधिक कार्यकर्ता कुशवाहा की मौजूदगी में उनकी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। खुद कुशवाहा ने भी पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के नामों की घोषणा की और मीडिया को भी इसकी जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुशवाहा ने सूबे की नीतीश सरकार पर कम सीएम नीतीश कुमार पर अधिक हमला बोला। उन्होंने नाम लिए बगैर राजद और उसके पूर्व के कार्यकाल पर भी कड़वी टिप्पणी की। कुशवाहा ने यहां तक कह डाला कि अगर राजद के हाथ में सत्ता की बागडोर दी गई, तो बिहार का हाल वर्ष 2005 के पूर्व वाली हो जायेगी और बिहार फिर से जल उठेगा। एक सवाल के जवाब में कुशवाहा ने कहा कि जो भी पार्टियां बिहार को पुरानी स्थिति से बचाने के लिए आगे आयेगी, वे उसके साथ गंठबंधन करेंगे।

*इन नेताओं में थामा रालोजद का दामन*: जिन जदयू नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने रालोजद का दामन थामा है, उनमें मुख्य रूप से राम लक्षण सिंह कुशवाहा है। वह कुशवाहा समाज के कद्दावर नेता माने जाते रहे हैं। इस समाज में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। वैसे भी राम लक्षण सिंह कुशवाहा हमेशा से उपेंद्र कुशवाहा के साथ रहे है। ये जिस दल में जाते है, राम लक्षण सिंह कुशवाहा उनके साथ रहते है। इधर, बाजपट्टी विस से पूर्व प्रत्याशी रेखा गुप्ता भी कुशवाहा के साथ रही है। कुशवाहा के चलते वह जदयू में चली आई थी। अब फिर कुशवाहा की पार्टी में शामिल हो गई है। जदयू अनुसूचित जाति के जिलाध्यक्ष चंद्रिका पासवान, बथनाहा प्रखंड जदयू अध्यक्ष रामलगन सिंह, जदयू के जिला सचिव संजीर आलम मंसूरी एवं विभिन्न पंचायतों के जदयू अध्यक्ष पार्टी छोड़ कर श्री कुशवाहा की पार्टी में शामिल हो गए है।

गौरतलब हो कि लोकसभा चुनाव से पहले जदयू के अंदर भूचाल आ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही तेजस्वी यादव के साथ मिलकर सरकार चला रहे हों लेकिन दल के भीतर ही भारी असंतोष दिख रहा है। एक तरफ जैसे ही नीतीश से नाराज उपेन्द्र कुशवाहा अपने समर्थकों के साथ नीतीश का साथ छोड़ चुके हैं, इसके बाद कई अन्य बड़े नेता भी एक-एक कर दल को छोड़ रहे हैं। शुक्रवार को पूर्व सांसद ने भी अपने समर्थकों के साथ जदयू से इस्तीफा दे दिया है!

*जदयू में भगदड़*: विदित हो कि आरा के पूर्व सांसद मीना सिंह ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष को लिखे पत्र में पूर्व सांसद ने कहा है कि मैं जनता दल यूनाइटेड की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देती हूं।हालांकि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया इसका वर्णन नहीं किया है।मीना सिंह के अलावे कई अन्य नेताओं ने भी इस्तीफा दिया है. जिनमें प्रदेश सचिव अशोक कुमार शर्मा,भोजपुर के शाहपुर प्रखंड अध्यक्ष उमेश चंद्र पांडेय, भोजपुर के प्रखंड अध्यक्ष विपिन कुमार विश्वास,मुकुल कुमार सिंह, श्री राम महतो समेत दर्जन भर नेता-कार्यकर्ता शामिल हैं।
जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व सांसद मीना सिंह ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने में ईमानदारी से पूरा योगदान दिया,जहां भी पार्टी को जिस तरह से भी ज़रूरत पड़ी वो मजबूती से खड़ी रहीं। लेकिन, पार्टी लगातार उनको नजरअंदाज करती रही।उन्होंने कहा कि अब उनके लिए जदयू में काम करना बेहद मुश्किल है, क्योंकि अब जदयू अपनी नीतियों और सिद्धांतों से भटक चुकी है।मीना सिंह ने कहा कि पार्टी में पुराने और समर्पित लोगो के लिए कोई जगह नहीं है, ऐसे में उनके जैसे नेता और कार्यकर्ता के लिए पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है। मीना सिंह आरा से जदयू की सांसद रह चुकी है और उनके पति स्वर्गीय अजीत सिंह भी जदयू की टिकट पर काराकाट से सांसद रह चुके थे, जिन्हें जदयू का तब महत्वपूर्ण नेता माना जाता था। वह नीतीश कुमार के भी बेहद करीबी माने जाते थे।

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