जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 07 दिसम्बर :: आज (7 दिसंबर) मनाई जा रही है काल भैरव जयंती। काल भैरव जयंती मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रत्येक वर्ष मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने पर भगवान भैरव की कृपा प्राप्त होती है।
मान्यता है कि भगवान शिव के अंश के रूप में भैरव की उत्पत्ति हुई है। भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए काल भैरव अष्टमी के दिन तैलीय खाद्य पदार्थ जैसे पापड़, पूड़ी पुए और पकौड़े भगवान को भोग लगाना चाहिए। इसके बाद अगले दिन भोग लगाया गया सामग्री को गरीबों और जरूरतमंदों के बीच बांट देना चाहिए। ऐसा करने से भगवान काल भैरव की विशेष कृपा बनी रहती है। काल भैरव अष्टमी के दिन बाबा भैरव नाथ को जलेबी का भोग लगाना चाहिए और इसके बाद बची हुई जलेबी किसी काले कुत्ते को खिला देना चाहिए। कुत्ता बाबा भैरव नाथ की सवारी माना गया है और बाबा भैरव नाथ को कुत्ता अतिप्रिय है। कुत्ते को जलेबी खिलाने से बाबा भैरव नाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
काल भैरव अष्टमी के दिन साधक को भगवान काल भैरव के विशेष कृपा के लिए उनके मंदिर में 5 नींबू और पीले रंग की पताका अर्पित कर उनकी आरती करनी चाहिए। अगर किसी कारण से नीबू अर्पित करने में चूक हो जाय तो लगातार 5 गुरुवार तक भी ऐसा किया जा सकता है।