ताजाखबरबिहारबिहार के ताजा खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

दिव्यांगजनों के लिए योग का महत्व पुस्तक का वर्चुअल योग की महत्व के बारे मे बेबिनार का योजन

दिव्यांगजनों के लिए योग का महत्व पुस्तक का वर्चुअल लोकार्पण
“योग की महत्‍व के बारे में वेबीनार का आयोजन”
– जितेंद्र कुमार सिन्हा
पटना: दिनांक, 16 मई 2021 । बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ़ योग, स्प्रिचुअल हीलिंग नेचुरोपैथी एंड आयुर्वेद रिसर्च, पटना के तत्‍वाधान में आज दिनांक 16 मई 2021 को दोपहर 12 बजे से दिव्यांग जनों के लिए योग का महत्त्व” पुस्तक “योग दर्शन” का वर्चुअल गुगलमीट प्‍लेटफॉर्म पर कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए विमोचन किया गया। आज के कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि डा० शिवाजी कुमार (लेखक सह दिव्‍यांगजन विशेषज्ञ) ऑनलाइन उपस्थित थे। विशिष्‍ट अतिथि डॉ० विनोद भांती (समाजसेवी सह दिव्‍यांगजन विशेषज्ञ), श्री अवधेश झा (योग विशेषज्ञ एवं सह लेखक), श्रीमति सुलेखा कुमारी (योग विशेषज्ञ एवं सह लेखिका), संदीप कुमार (नेशनल ट्रेनर), राहुल कुमार (कार्यक्रम समन्‍वयक), सुगन्‍ध नारायण प्रसाद (दिव्‍यांगजन विशेषज्ञ), संतोष कुमार सिन्‍हा, लालू तुराहा, शिव कुमार बैठा साथ सैंकड़ो दिव्‍यांगजन, योगाचार्य, समाजसेवी ऑनलाइन उपस्थित थे। इस किताब का मुख्‍य उद्देश्‍य दिव्यांगजनों को काविड 19 के दौरान किए जाने वाले उपयुक्त योगासन व इससे होने वाले लाभ के बारे में तथा योग के माध्‍यम से दैनिक जीवन में स्‍वस्‍थ्‍य रहने के बारे बताना एवं स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूक करना है।

वर्चुअल लोकार्पण के मुख्य अतिथि एवं लेखक डॉ शिवाजी कुमार ने कहा कि यह पुस्तक भारत के 5 करोड़ दिव्यांगजनों को समर्पित है तथा उनके शारीरिक, मानसिक व भावात्मक रूप से सबल और सक्षम बनाना हमारा उद्देश्य है। पुस्तक में दिव्‍यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 वर्णित सभी प्रकार दिव्यांगता के प्रकार का उल्लेख किया गया है तथा तकनीक के साथ यह भी बताया गया है कि कौन सी बिमारी में कौन सा योग करना उपयोगी है। उन्‍होंन योग, एरोबेटिक, आदि के बारे में विस्तार से बताया। योग ऐसा माध्‍यम है जिसके द्वारा आज के दौर में स्‍वस्‍थय एवं इम्‍यूनिटी सिस्‍टम को बढ़ाये रख सकते हैं।
पुस्तक के सह लेखक अवधेश झा ने कहा कि यह पुस्तक पूर्णतः व्यावहारिक तथा ज्ञानवर्धक है इसमें प्रत्येक योगासन के बारे पहले संक्षिप्त तथा बाद में विस्तार से जानकारी दी गई है। उन्‍होंने सभी के दैनिक जीवन में योग के महत्‍व के बारे में भी बताया।
पुस्तक की सह लेखिका सुलेखा कुमारी ने बताया कि मेरा व्यक्तिगत अनुभव तथा योग के क्षेत्र जो ज्ञान दिव्यांग जनों के लिए आवश्यक था मैंने साझा किया है। यह पुस्‍तक दिव्‍यांगजनों के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के प्रती समर्पित है। योग के माध्‍यम से शारीरिक, मानसिक तथा इम्‍यूनिटी लेवल को मजबूत कर सकते हैं।
संदीप कुमार ने दिव्‍यांगजनों को एरोबिक के महत्‍व के बारे में विस्‍तृत रूप से बताया।
आज के कार्यक्रम में रूबी सिंह, अवधेश सिंह, अभिषेक कुमार, सहबाज अहमद, अजय कुमार, अजीत कुमार, राज मंगल, अंजु भारती, अनुज कुमार, प्रमीला कुमारी, अरूण कुमार, अविनाश प्रसाद, बब्‍लू ठाकुर, बन्‍दना भारती, विनोद कुमार, ब्रजेश कुमार, जितेन्‍द्र कुमार, कमल कुमार चौबे, केशरी किशोर, लालु तुराहा, शिव कुमार, कुमार आदित्‍या, कुमार मनजीत, कुन्‍दन कुमार पाण्‍डेय, मधु कुमारी, मिक्‍कु कुमार झा, मुकेश कुमार, नितीश कुमार, पारीतोष कुमार, पशुपति नाथ, फूल अंसारी, प्रकाश यादव, रविन्‍द्र कुमार, राजीव कुमार, राजकुमार, राकेश कुमार यादव, राखी ठाकुर, रूपा कुमारी, साबरा तरन्‍नुम, साधना, संजय प्रताप, संटु कुमार,कुमार, शंभु पुर्वे श्रवण कुमार, शेखर चौरसिया, श्रवणी नन्‍दन, श्‍यामलाल, सोनी कुमारी, सोनु कुमार, सुभाष, पंचायत स्‍तर, प्रखंड स्‍तर, अनुमण्‍डल स्‍तर, जिला स्‍तर के दिव्‍यांगजन अध्‍यक्ष साथ ही देश विदेश से सैंकड़ों की संख्या में दिव्‍यांगजन, अभिभावकगण, समाजसेवी लोग उपस्थित हुए तथा बेबीनार का लाभ उठाया।
दिव्यांगजनों ने ‘’योग दर्शन’’ पुस्तक की काफी सराहना किया और कहा कि यह पुस्तक एक अद्भुत ज्ञानवर्धक पुस्तक है जिसमें शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के सारे योग के बारे में विस्‍तृत जानकारी उपलब्ध है। अन्‍त में सभी ने कहा करो योग रहो निरोग।
आज के वर्चुअल पुस्‍तक लोकार्पण वेबीनार का संचालन संदीप कुमार के द्वारा किया गया।

Loading

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button