कृषि कानून के खिलाफ 27 सितंबर को भारत बंद, बिहार में भी महागठबंधन का समर्थन

न्यूज डेस्क/जनपथ न्यूज
Edited By: राकेश कुमार
सितंबर 27, 2021

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने 27 सितंबर 2021 को ‘भारत बंद’ बुलाया है। बताया जा रहा है कि महागठबंधन के सभी नेताओं ने किसान आंदोलन के 27 सितंबर को भारत बंद का समर्थन किए जाने पर सहमति जताई है। बताया गया कि कांग्रेसी नेताओं के साथ खुद तेजस्वी यादव भी पटना की सड़क पर किसानों के समर्थन और केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। ‘भारत बंद’ को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राजद, लेफ्ट पार्टियों समेत कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि
भारत बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। इस दौरान पूरे देश में सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यक्रम बंद रहेंगे। हालांकि, अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य और व्यक्तिगत आपात स्थिति में शामिल लोगों सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाएगी।

माले के राज्य सचिव कुणाल कहते हैं कि यह सिर्फ किसानों का आंदोलन नहीं रह गया है बल्कि मेहनत करने वाले तमाम मजदूरों का आंदोलन हो गया है। इसमें ट्रेन यूनियन भी शामिल होंगे। गांव से लेकर शहर तक मजदूर-किसान की भागीदारी होगी। नल जल योजना में व्यापक भ्रष्टाचार का सवाल भी उठेगा। महंगाई और रोगजार का मुद्दा तो होगा ही। उन्होंने कहा कि छात्र संगठन, महिला संगठन, मजदूर संगठन सभी इस बंद में शामिल हो रहे हैं। कहा कि सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ सब कुछ बंद कराया जाएगा। चक्का जाम भी होगा। यानी फूल रेंज में बंदी होगी।

किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव रामाधार सिंह कहते हैं कि हमने सभी तरह के लोगों से बंद रखने की अपील की है। बिहार की बात करें तो पटना में बंदी का असर ज्यादा दिखेगा। पटना जंक्शन से जुलूस निकलेगा और डाकबंगला चौराहा को बंद कर दिया जाएगा। बड़ी संख्या में ग्रामीण इलाकों से लोग पटना पहुंचेंगे। मसौढ़ी, जहानाबाद, बिहटा, फुलवारी आदि इलाकों में ट्रेन भी रोकी जा सकती है। सिर्फ आवश्यक सेवाओं को छोड़ने का फैसला लिया गया है।

कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने बताया कि राज्य के जिला हेडक्वार्टर में बंद का असर व्यापक दिखेगा। किसान संगठनों ने इस बार राजनीतिक दलों को भी शामिल होने का आह्वान किया है इसलिए कांग्रेस अपने झंडा, बैनर के साथ इसमें शामिल होगी और पटना में जुलूस भी निकाला जाएगा।

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि बंद में राजद के कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे। बंद में बिहार सरकार की मनमानी पूर्ण व्यवस्था का भी विरोध होगा। चक्का जाम भी हो सकता है। चूंकि इस बंद का मुद्दा सिर्फ किसानों से जुड़ा नहीं रह गया है बल्कि महंगाई, बेरोजगारी, बिहार में घोटाला आदि भी इससे जुड़ गया है इसलिए इसका दायरा काफी व्यापक हो गया है।

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