जनपथ न्यूज डेस्क
Edited by: राकेश कुमार
23 फरवरी 2023
*पटना में बीटीएससी अभ्यर्थियों पर फिर बेरहमी से लाठीचार्ज दुर्भाग्यपूर्ण
* अपराधियों व भ्रष्टाचारियों के सहयोग से चल रही महागठबंधन सरकार में युवाओं की आवाज को दबाने के लिए बल प्रयोग
* बीपीएससी, बीएसएससी, शिक्षक अभ्यर्थियों के बाद अब जूनियर इंजीनियरों पर बरपा है कहर
पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नौकरी की मांग को लेकर पटना की सड़कों पर उतरे बिहार तकनीकी सेवा आयोग (बीटीएससी) के अभ्यर्थियों पर हुई लाठीचार्ज की तीखी निन्दा करते हुए कहा है कि युवाओं को रोजगार देने के सरकार के जुमले की पोल रोज खुल रही है। 20 लाख नौकरियां देने की जगह सरकार युवाओं पर लाठियां बरसा रही है। महाठगबन्धन की सरकार तानाशाह हो गई है जो लाठी के बूते युवकों की आवाज को दबाना चाहती है।
उन्होंने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने कई अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है। पुलिस की इस कार्रवाई से राजधानी के वीरचंद पटेल पथ पर घंटों अफरा-तफरी का माहौल रहा। सैकड़ों अभ्यर्थी बहाली की मांग को लेकर जेडीयू और आरजेडी कार्यालय समेत सभी राजनीतिक दलों के दफ्तरों के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नियुक्ति की मांग को लेकर BTSC के सैकड़ों अभ्यर्थी पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे थे। कई महीने बीत जाने के बाद जब सरकार के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंची तो गुरुवार को अभ्यर्थी पटना के जेडीयू और आरजेडी समेत वीरचंद पटेल पथ में मौजूद विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों के सामने प्रदर्शन करने पहुंच गए थे। सरकार का कोई जिम्मेवार पदाधिकारी या मंत्री इन अभ्यर्थियों से मिलने तक नहीं पहुंचा।
उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग अपने भाई-भतीजों की सेटिंग , बहाली के नाम पर उगाही करने के लिये 4-4 वर्षों तक परीक्षा होने के बाद परीक्षाफल प्रकाशित नहीं कर रहे है, या फिर परीक्षा को कैंसिल कर रहे है।
दूसरी ओर सरकार हर प्रतियोगी परीक्षा का पर्चा लीक करा कर बिहार के युवाओं की प्रतिभा का हनन व अपमान कर रही है। सरकार बताएं कि बिहार में क्या एक भी परीक्षा कदाचाररहित हो पाया है? क्या सरकार इसकी सीबीआई से जांच कराएगी? क्या सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों व परीक्षा सेटरों की मिलीभगत से पर्चा आउट नहीं होता है? क्या राजनीतिक संरक्षण में पैसों की उगाही नहीं होती है?
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार युवाओं पर लाठियां चलवा कर, वाजिब मांग करने और अपनी मांग के लिए आवाज उठाने वालों पर एफआईआर करवा कर उन्हें भयभीत कर उनकी आवाज को दबाना चाहती है। एक ओर तेजस्वी यादव कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख सरकारी नौकरी देने का झांसा देते हैं, दूसरी ओर पूर्व से पूरी की गई बहाली प्रक्रियाओं को रद्द करने का षड्यंत्र किया जा रहा है ताकि अपने लोगों से लेन-देन करके उन्हें नौकरी दी जा सके। तेजस्वी यादव के पिताजी भी नौकरी देने के लिए अकूत बेनामी सम्पत्ति लिखवा चुके हैं। तेजस्वी भी उसी रास्ते पर जा रहे हैं।
नीतीश सरकार युवाओं को ठग व उनके साथ छल कर रही है। सरकार बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ कर बिहार को बर्बादी की ओर धकेल रही है। लाखों युवाओं के सपनों को कुचलने वाली सरकार कभी सलामत नहीं रह सकती है। सरकार अपनी गलत नीतियों व कार्ययोजनाओं से युवाओं के साथ जो व्यवहार कर रही है, उससे युवाओं में आक्रोश का पनपना स्वाभाविक है। युवाओं का यह आक्रोश एक दिन दवानल बनेगा और यह निक्कमी सरकार उसमें भष्म हो जाएगी।
श्री सिन्हा ने कहा कि कुर्सी की लड़ाई में सरकार अपनी आखरी सांसे गिन रही है। नीतीश कुमार अपनी कुर्सी खिसकते देख कर बिहार को बर्बाद करने पर तुले हुए है। इसीलिए प्रदेश के भविष्य नौजवानों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार की सारी भर्ती एजेंसियां अक्षम अधिकारियों के हवाले हैं। बोर्ड, आयोगों में भ्रष्टाचार चरम पर है। नतीजतन न समय पर परीक्षा हो पा रही है और न परीक्षा परिणाम निकाले जा रहे हैं। बिहार तकनीकी सेवा आयोग की ओर से लम्बे अरसे के बाद परीक्षा परिणाम रद्द करने से नाराज युवकों ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन करने का फैसला लिया। सरकार को इन छात्रों से सहानुभूति रखते हुए इनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो।