राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को मिली जमानत
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 17 अप्रैल :: राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को, साढ़े तीन साल सजा काटने के बाद 17 अप्रैल (शनिवार) को उच्च न्यायालय, राँची ने जमानत दी।
सूत्रों ने बताया कि न्यायाधीश अपरेश सिंह की अदालत ने राजद सुप्रीमो को एक लाख रुपए के निजी मुचलके, 10 लाख रुपए जुर्माना देने, जमानत के दौरान देश से बाहर नहीं जाने, देश से बाहर जाने से पहले कोर्ट से अनुमति लेने, पासपोर्ट जमा करने, अपना मोबाइल नंबर और अपना पता नहीं बदलने के शर्तों पर जमानत दी है।
दुमका कोषागार मामला, बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 1991 से 1996 के बीच दुमका कोषागार से साढ़े तीन करोड़ रुपये निकासी से जुड़ा है और इस दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री थे। चारा घोटाले से जुड़े दो मामला चाईबासा कोषागार का था जिसमे उन्हें अक्टूबर में ही जमानत मिल गई थी, लेकिन दुमका कोषागार केस की सुनवाई पूरी नहीं होने के चलते उन्हें जेल में रहना पड़ा। यह जमानत दुमका कोषागार मामले में आधी सजा पूरी होने के बाद मिली है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद चारा घोटाले (अवैध निकासी) में 23 दिसंबर 2017 से ही जेल में हैं। राजद कार्यकर्ताओं की खुशी को देखते हुए यह भी निर्देश जारी किया गया है कि सड़कों पर उतरकर किसी प्रकार का जश्न नहीं मनाएं।
राँची उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद राजद सुप्रीमो करीब 40 माह बाद जेल से बाहर आएंगे।
राजद सुप्रीमो की चिकित्सा रिम्स रांची में चल रहा था जहाँ इलाज के दौरान तबियत बिगड़ जाने के बाद डॉक्टरों की सलाह पर 23 जनवरी को रांची के रिम्स से दिल्ली एम्स में शिफ्ट किया गया था। फिलहाल दिल्ली के एम्स में डॉ राकेश यादव की देख रेख में उनका इलाज चल रहा है। सूत्रों के अनुसार राजद सुप्रीमो लंग्स, किडनी और हार्ट की बीमारी से ग्रसित हैं।
राजद सुप्रीमो के खिलाफ झारखंड में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित सीबीआई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अभी चल रही है।
राजद सुप्रीमो ने अपने स्वास्थ्य और दुमका कोषागार केस में मिली सजा में से आधी सजा काट लेने के आधार पर जमानत मांगी थी। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट से मिली सजा की आधी अवधि काट लेने का दावा करते हुए उन्होंने जमानत की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
राजद सुप्रीमो द्वारा बेल बॉण्ड भरने के बाद एक-दो दिनों में जेल से बाहर आने की उम्मीद हैं।यह जमानत उन्हें दुमका कोषागार मामले (38A/96 ) में आधी सजा पूरी होने के बाद दी गई है। इससे पूर्व अक्तूबर 2020 में चाईबासा कोषागार मामले में उन्हें जमानत मिल थी। डोरंडा कोषागार मामले में अभी सुनवाई चल रही है। कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल इसकी सुनवाई पर रोक लगा दी गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जेल आईजी बीरेंद्र भूषण ने बताया की रिम्स और एम्स के अधिकारियो को इसकी सूचना दी जाएगी की अब मेरे बन्दी नही हैं। अब एम्स से भी घर जा सकते हैं।