जनपथ न्यूज़ डेस्क
Edited by: राकेश कुमार
9 जून 2023
खादी से मिलती है ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती : समीर कुमार महासेठ
खादी के कपड़े होते हैं आरामदायक और स्वास्थ्यवर्धक : समीर कुमार महासेठ
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर शहर के राम दयालु सिंह कॉलेज कैंपस में बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी मेला लगाया गया है जिसका उद्घाटन बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार, मुजफ्फरपुर के एडीएम अजय कुमार, किसान चाची पद्मश्री राजकुमारी देवी,आर डी एस कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अमिता शर्मा और जिला जनसंपर्क अधिकारी दिनेश कुमार ने किया। उद्घाटन के बाद खादी मेला में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि खादी हमारे स्वाभिमान का प्रतीक है। महात्मा गांधी ने जब स्वदेशी का आंदोलन चलाया था तो घर-घर में चरखा चलाने का काम हुआ। घर-घर में कुटीर उद्योग प्रारंभ हुए। इससे हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। लोग स्वाबलंबी हुए। चरखा और खादी से जो ताकत मिली उसी ताकत के बल पर देश आजाद हुआ। प्रदेश के लाखों लोग खादी और ग्रामोद्योग से रोजगार पाते हैं। खादी और कुटीर उद्योगों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
हमारी सरकार बिहार के हर युवा को रोजगार देने के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत हमने लगभग 29000 उद्यमियों को 2006 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की है। 10- ₹10 लाख रुपए की सहायता पाकर बिहार के युवा न सिर्फ अपने लिए रोजगार का इंतजाम कर रहे हैं बल्कि दर्जनों दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत चार-चार लाख रुपए की राशि पहली किस्त के रूप में दी जाती है। जिन लोगों ने प्रथम किस्त का उपयोग कर लिया उन्हें दूसरा किस्त भी दे दिया गया है और दूसरे किस्त की उपयोगिता का प्रमाण पत्र देने वाले उद्यमियों को तीसरा किस्त भी दे दिया गया है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत पिछले 7 महीनों में हजारों नए उद्योग खुल चुके हैं। हर उद्योग में 5 से 10 लोगों को रोजगार मिला है।
हम चाहते हैं कि बिहार के युवा बिहार में ही काम करें। बिहार में ही उद्योग लगाएं और अपने गांव समाज के दूसरे लोगों को भी रोजगार दें। उद्योग विभाग की हर योजना का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा नए उद्योग स्थापित हों। सिवान जिला के युवा भी कमर कस लें। विभाग द्वारा उन्हें हर प्रकार की मदद दी जाएगी। खादी मेला और हैंडलूम मेला लगा कर उन्हें मार्केटिंग का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा खादी मॉल के माध्यम से मार्केटिंग में मदद दी जाएगी । उन्होंने युवा उद्यमियों से कहा कि उद्योग के लिए मिलने वाले ऋण को खैरात नहीं समझे। योजना चाहे जो भी हो, सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता का उपयोग नए उद्योगों की स्थापना और पुराने उद्योगों के विस्तार के लिए करें। मुजफ्फरपुर जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक धर्मेंद्र कुमार सिन्ह ने कहा कि मुजफ्फरपुर जिला में उद्योगों की स्थापना के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार कोशिश हो रही है। सभी बैंकों को पीएमईजीपी और पीएमएफएमई जैसे कार्यक्रमों के तहत लक्ष्य के अनुसार ऋण स्वीकृत करने का निर्देश दिया गया है। जो बैंक लक्ष्य के अनुसार ऋण की स्वीकृति नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि प्रदेश की सभी खादी संस्थाओं को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड द्वारा सहायता दी जा रही है। मुजफ्फरपुर का खादी मेला भी एक ऐसा प्रयास है जिसके माध्यम से खादी वस्त्र के उत्पादकों को बाजार मुहैया कराया जा रहा है। ऐसा मेला मोतिहारी, गया, कैमूर,पूर्णिया, सिवान और आरा में भी लगाया जा चुका है। । कार्यक्रम में बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अभय कुमार सिंह, राजीव कुमार शर्मा, अजमत अब्बास रिजवी, जिला खादी ग्राम उद्योग पदाधिकारी कमलेश कुमार त्रिवेदी आदि भी मौजूद रहे।
खादी प्रक्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 की उपलब्धियां:-
खादी मेला सह प्रदर्शनी – बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य के विभन्न जिला यथा मोतिहारी, भभुआ, गया, पूर्णिया, आरा एवं सिवान में आयोजित किया गया है। छः जगहों पर आयोजित खादी मेला में संस्थाओं द्वारा लगभग रू0 4.81 करोड़ की बिक्री की गयी है। इसके अतिरिक्त आई0एन0ए0, दिल्ली हाट, नई दिल्ली में 16 मार्च 2023 से 31 मार्च 2023 तक बिहार उत्सव तथा पटना के गाँधी मैदान में दिनांक 22 मार्च 2023 से 31 मार्च 2023 तक बिहार दिवस का भी आयोजन किया गया। जिससे बिहार स्थित खादी एवं ग्रामोद्योग संस्था/समितियों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ कराया गया हैं।
प्रशिक्षण की योजना- वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा राज्य के खादी संस्था/समितियों के माध्यम से विभिन्न जिलों में एक से तीन माह का खादी सूत कताई, रेशमी सूत कताई, खादी बुनाई, रेशमी बुनाई एवं ग्रामोद्योगी इकाई में सिलाई-कताई, साबुन निर्माण, व्हाईट फिनाईल निर्माण, पापड़ बड़ी, बेंत-बाँस , आचार निर्माण, लहठी निर्माण एव अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाने के अन्तर्गत 41 स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 1025 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे कर स्वालंबी बनाया गया है। इसके साथ हीं चन्द्रगुप्त संस्थान द्वारा खादी संस्था/समितियों को दो प्रशिक्षण 25-25 के समुह में मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग के लिये प्रशिक्षित कराया गया है।
खादी पुर्नरूद्धार योजनाः- बिहार स्थित खादी संस्थाओं को संस्था के कार्य सुचारू रूप से चलाने तथा कच्चा माल एवं कतिनों/बुनकरों को समय पर पारिश्रमिक भुगतान एवं अन्य भुगतान हेतु कार्यशील पूँजी (ऋण) मात्र 4% के ब्याज दर पर ऋण के रूप में 07 वर्षों के लिए संस्था/समितियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। कार्यशील पूँजी के रूप में आधुनिक चरखा के लिए 3 संस्थाओं को 28.50 लाख रूपये तथा कटिया चरखा के लिए 19 खादी संस्थाओं को कुल 180.00 लाख रूपये मात्र कार्यशील पूँजी (ऋण) में उपलब्ध कराई गई है। पाँच खादी संस्थाओं को 80 नग कटिया चरखा के लिए (50%) 1.71 लाख रूपये उपलब्ध कराई गई है, 21 खादी संस्थाओं को 355 कटिया चरखा के खरीद के पश्चात शेष 40% राशि रू0 6.07 लाख रूपये उपलब्ध कराई गई है एवं 4 खादी संस्थाओं को 17 करघा के खरीद के पश्चात शेष 40% राशि रू0 2.04 लाख उपलब्ध कराई गई है।
रिबेट योजना – राज्य के खादी संस्था/समितियों को खादी वस्त्रों के उत्पादन पर वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 का राज्य में उत्पादित खादी वस्त्रों पर 10% की छूट (रिवेट) की राशि का भुगतान किया गया है।
खादी मॉल पटना- खादी मॉल, पटना से जुड़े लगभग 80 खादी संस्थाओं तथा 120 ग्रामोद्योगी अन्तर्गत उत्पादन करने वाले आपुर्तिकर्ता के सामग्रीयों को खादी मॉल, पटना में बिक्री हेतु रखा गया है जिससे मॉल में वितीय वर्ष 2022-23 में 16.30 करोड़ रूपये की बिक्री हुई है।
खादी मॉल का निर्माण- खादी मॉल, पटना के तर्ज पर वितीय वर्ष 2022-23 में राज्य के जिला मुजफ्फरपुर तथा पूर्णिया में आयडा द्वारा खादी मॉल का निर्माण किया जा रहा है।