इफ्तार पर अनर्गल बयान देने वाले भाजपाईयों को चश्मा बदलने की दी नसीहत

जनपथ न्यूज़ डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
11 अप्रैल 2023

भागलपुर : जिले में विकास पुरुष के नाम से चर्चित नाथनगर सार्वजनिक पूजा समिति सह पुलिस पब्लिक समन्वय समिति के सक्रिय सदस्य व नाथनगर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी रहे राजद के कद्दावर नेता पप्पू यादव ने इफ्तार पार्टी पर अनर्गल बयानबाजी करने वाले भाजपा नेताओं को चश्मा बदल लेने की सलाह दी है। उन्हो़ंने कहा है कि भाजपा का धार्मिक और सामाजिक आयोजन को भी राजनीतिक चश्मे से देखना राज्य और समाज के लिए घातक साबित होगा। महंगाई, बेरोजगारी, सुरक्षा और अडानी प्रकरण जैसे गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए नकारात्मक राजनीति करना भाजपा का चारित्रिक पहचान बन चुका है।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को आदर्श मानने वाले बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बेहद करीबी रहे इस पप्पू यादव ने कहा है कि जो लोग समाज में नफ़रत,घृणा और उन्माद पैदा कर धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं, वे लोग ही इफ्तार पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। जबकि इफ्तार साम्प्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द्र के साथ ही सामाजिक न्याय का भी संदेश देता है। उन्होंने कहा कि काफी पहले से यह परम्परा चली आ रही है कि इफ्तार में रोजदारों के साथ सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग शामिल होते रहे हैं। पूर्व में भाजपा के नेता भी ऐसे आयोजनों में शामिल होकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते रहे हैं। वे दो दिन पूर्व भी केन्द्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के नई दिल्ली स्थित अरब दूतावास द्वारा आयोजित इफ्तार में शामिल हुए हैं।

पप्पू यादव ने कहा कि संविधान की शपथ लेकर संवैधानिक पद पर बैठे हुए नेता प्रतिपक्ष द्वारा एक धर्म विशेष के खिलाफ दिया जा रहा बयान संवैधानिक मर्यादाओं के खिलाफ है। क्योंकि भारतीय संविधान के प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है।” इसलिए नेता प्रतिपक्ष को किसी धर्म विशेष के पक्ष या विपक्ष में बयान देने के पहले उन्हें नेता पद के साथ हीं विधानमंडल की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए अथवा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से सीख लेनी चाहिए,जो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और उनके धार्मिक आयोजनों में शामिल होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अभी रामनवमी के दिन शोभायात्रा में तो नीतीश जी के साथ दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष खुद उपस्थित थे। इसके बावजूद यदि उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है, तो निश्चित रूप से उन्हें अपना चश्मा बदलवा लेना चाहिए।

वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि अक्सर चोर ही शोर मचाते है! उन्होंने कहा कि यह बातें तो पूरी दुनिया को पता है की हिंसा और सांप्रदायिक विवाद इस देश में आखिर कौन भड़काता रहा है और इस हिंसा वाली राजनीति से कब किसको कितना लाभ मिला है? उन्होंने कहा कि जो जैसा रहते हैं कितने पावर की चश्मा में पहनते हैं उन्हें वैसा ही कुछ सामने दिखता है! उन्होंने अपने छोटे भाई पप्पू यादव की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसे कुत्सित राजनीतिज्ञों को अपना चश्मा निश्चित रूप से बदल लेनी चाहिए! उन्होंने ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान की बातें दोहराते हुए कहा कि उन्होंने अपने पूर्वजों और बुजुर्गों से एक और नेक बने रहने का सबक सीखा है। इसलिए वह कभी जाति-धर्म और मजहब के दायरे में बंधना नहीं चाहते बल्कि उनकी दिली इच्छा है कि इस देश-राज्य और हर समाज में लोग जात-पात,ऊंच-नीच,धर्म और मजहब की सोच से ऊपर उठकर एक और नेक बने रहने का संकल्प लें और अपने-अपने इलाके में अमन-चैन,शांति-सद्भाव व भाईचारगी कायम रखें। उन्होंने बिहार के लोगों से आग्रह किया कि वे सत्ता लोलुप राजनीतिज्ञों के बहकावे में न आकर हमारे आपसी भाईचारे में नफरत के बीज बोने वाले नेताओं को खदेरकर कानून व प्रशासन के हवाले करें।

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