दिल्ली में एलजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, चिराग का दावा मजबूत

राकेश कुमार/जून 22, 2021

एलजेपी में नेतृत्व को लेकर जारी घमासान के बीच चिराग पासवान ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। ये बैठक एलजेपी के दिल्ली स्थित ऑफिस में हुई, जिसमें पार्टी के दिग्गज नेता शामिल हुए और बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में चिराग पासवान का दावा पहले से और ज्यादा मजबूत दिखा है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 75 में से 50 सदस्य चिराग पासवान के साथ हैं, ये दावा चिराग पासवान की तरफ से किया गया है।

हालांकि, चिराग की बुलाई गई इस बैठक से एक दिन पहले चाचा पशुपति कुमार पारस ने बड़ा दांव चल दिया। उनकी अगुवाई वाले खेमे ने शनिवार को पार्टी से जुड़ी सभी शाखाओं और प्रदेश इकाइयों को भंग कर दिया और नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी। बावजूद इसके आज की बैठक में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

लोक जनशक्ति पार्टी पर नियंत्रण को लेकर लड़ाई का फैसला निर्वाचन आयोग में होने की संभावना है। दोनों ही खेमा एलजेपी पर दबदबा बनाने के लिए लड़ रहे हैं।

चिराग ने दलील दी कि पार्टी का संसदीय बोर्ड ही संसद में अपने नेता के बारे में फैसला कर सकता है। पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने चिराग के स्थान पर पारस को अपना नेता चुना है।

इस सियासी घटनाक्रम को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 90 फीसदी से अधिक सदस्य उनके साथ हैं। शाम में चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। उन्होंने लोकसभा में पारस को पार्टी का नेता घोषित करने के दूसरे खेमे का दावा स्वीकार करने के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की।

पारस ने एक बयान में कहा कि पार्टी की अन्य सभी शाखाओं को भंग किया जा रहा है। यह फैसला दिल्ली में चिराग पासवान के नेतृत्व वाले समूह की रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने से ठीक एक दिन पहले ही लिया गया।

पशुपति कुमार पारस की अगुवाई वाले खेमे ने शनिवार को पार्टी से जुड़ी सभी शाखाओं और प्रदेश इकाइयों को भंग कर दिया। यही नहीं नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान भी कर दिया गया। इसमें पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर पारस, सभी चार सांसदों और उनके करीबी पार्टी पदाधिकारियों को भी इसमें शामिल किया गया है।

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