जदयू ही बार-बार भाजपा के साथ जाती रही है
जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
23 जनवरी 2023
भागलपुर/पटना : जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर कहा है कि उनकी पार्टी जनता दल यूनाईटेड बीमार है और वह बेहद कमजोर हो रही है, उसे इलाज की जरूरत है। श्री कुशवाहा ने यह भी कहा कि पार्टी के कई बड़े नेता भाजपा के लगातार संपर्क में हैं तो पार्टी को कमजोर स्वीकार करना ही चाहिए। ऐसे में अगर भाजपा का कोई नेता मुझसे अस्पताल में मिलने आता है तो इतना हाय-तौबा और हंगामा करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने इस भेंट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जदयू रणनीति और वक्त के हिसाब से दो-तीन बार भाजपा के साथ जाकर लौट चुका है, इसलिए मेरी एक मुलाकात पर ऐसी बात का आना कतई उचित नहीं है। श्री कुशवाहा ने कहा कि मीडिया के जरिए मुझे यह पता चल रहा है कि मेरे मन की बात समझने के लिए नीतीश जी से बात करने के लिए कहा जा रहा है, यह भी गलत है। मुझे उनसे बात करना होगा तो मीडिया की इसमें जरूरत ही नहीं है।
*किस बात पर किस अंदाज में क्या जवाब दिया…?*
भाजपा में शामिल होने के सवाल पर…श्री कुशवाहा ने कहा कि भाजपा के किसी नेता से मुलाकात का यह अर्थ निकालना एकदम गलत है। भाजपा के नेताओं से हमारी पार्टी का जो जितना बड़ा नेता है, वह उतना ही ज्यादा संपर्क में रहता है। उपेंद्र कुशवाहा से अस्पताल में मुलाकात की एक तस्वीर क्या आ गई, बात का बतंगड़ बना दिया गया। इसका कोई मतलब है क्या? व्यक्तिगत संबंध किसी के साथ किसी का भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के साथ तस्वीर पर प्रतिक्रिया को लेकर उसे रास्ते में ही जानकारी मिली। दिल्ली में एक व्यक्ति हैं, जो अस्पताल में सौ फीसदी जिंदा है। उसका पोस्टमार्टम बिहार में लोग कर रहे हैं। चिकित्सा विज्ञान की यह नवीनतम तकनीक है, यह देखा है इस बार।
पार्टी बदलते रहने के नीतीश कुमार के बयान पर…उन्होंने कहा कि इसका क्या मतलब है? हम यह कह रहे हैं कि हमारी पार्टी (जदयू) दो-तीन बार भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में गई और फिर उससे अलग भी हो गई। पूरी पार्टी जब अपनी रणनीति के हिसाब से जो आवश्यक होता है, करती है और, मेरे बारे में चले गए कभी तो उसको लेकर चर्चा करना…यह कोई बात है क्या?
पार्टी बदलने के फैसले को लेकर स्वतंत्रता पर…श्री कुशवाहा ने कहा कि किस बात का फैसला? मेरे अलावा यह कौन तय कर सकता है? आप या कोई और थोड़े ही तय कर सकता है। हम जदयू में हैं और हमारी चिंता का विषय है कि जदयू बहूत कमजोर हो रहा है।
जदयू के कमजोर होने की बात पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए चिंता का विषय है कि जदयू कमजोर हो रहा है। इसकी मजबूती के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। लगातार हमारा यह प्रयास जारी हो रहा है। सब लोग…एक-एक व्यक्ति, जो भी नेता हैं…सब से अलग-अलग बात कीजिए तो सब लोग कमजोरी की बात करते हैं। यह अलग बात है कि कोई कैमरा के सामने नहीं बोलते हैं। अगर कोई कमजोरी है या बीमारी है तो इसे स्वीकार करना होगा। स्वीकार नहीं करेंगे तो ट्रीटमेंट कैसे होगा? 100 प्रतिशत ट्रीटमेंट हो सकता है।
नीतीश कुमार से बात करेंगे क्या…सवाल पर श्री कुशवाहा ने कहा कि नीतीश जी से बात करने के लिए माध्यम की जरूरत नहीं होगी उपेंद्र कुशवाहा को। जिस रूप में यह बातें प्रचारित हुई हैं, यह मैसेज आप लोग दे रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा जी बात कर लेंगे मुख्यमंत्री जी से। मैसेज की जरूरत होगी तो एक मिनट में बात कर लेंगे।
आपकी अपनी पार्टी क्या वापस जिंदा होगी…पर श्री कुशवाहा ने कहा कि जिस बात की कोई चर्चा नहीं है, उसे तूल दे रहे हैं। पार्टी (जदयू) की कमजोरी को कोई व्यक्ति बोल रहा है तो इस बात का अर्थ की जगह अनर्थ निकाला जा रहा है, इसका क्या मतलब है भाई?
अपने संगठन की सक्रियता को लेकर…उन्होंने कहा कि महात्मा फुले समता परिषद् सामाजिक संगठन है, राजनीतिक नहीं है। दो फरवरी पर शहीद जगदेव बाबू की जयंती पर हर जिले में कार्यक्रम करना है। उसकी तैयारी हो रही है। इस संगठन को भी नीचे गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए सभी लोग नीचे तक काम कर रहे हैं। यह संगठन जिंदा है। इसका राजनीतिक मकसद है। दूसरे दल के लोग भी करते हैं। यह पहले भी होता रहा है कार्यक्रम। दो साल में पार्टी के लोगों ने भी इसमें हिस्सा लिया।
आगे की रणनीति के सवाल पर…श्री कुशवाहा ने कहा कि
पार्टी (जदयू) को मजबूत करना है, यही आगे की रणनीति है और कुछ भी नहीं!