लोजपा किसके हाथ में रहेगी, अब फैसला करेगा चुनाव आयोग, जानें दोनों पक्षों को क्या मिले निर्देश
राकेश कुमार
जून 19, 2021
लोक जनशक्ति पार्टी का सियासी घमासान अब बिहार के पटना से चलकर देश की राजधानी दिल्ली पहुंच गया है। दिल्ली में जमुई सांसद चिराग पासवान और पार्टी के नए अध्यक्ष चुने गए पशुपति कुमार पारस ने एलजेपी पार्टी सिंबल के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने भी भतीजा चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस यानी कि दोनों गुटों के बीच लड़ाई पर संज्ञान लिया है। साथ ही चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि जबतक सिंबल का फैसला नहीं होता है, तब तक वो पार्टी कार्यालय में मौजूद रहें। उम्मीद लगाई जा रही है कि चुनाव आयोग आज देर शाम तक एलजेपी पार्टी के सिंबल को लेकर अपना फैसला सुना सकता है। पर चुनाव आयोग उससे पहले दोनों गुटों की बातों को भी सुनना चाहता है।
आपको बता दें इससे पूर्व गुरुवार को पटना में एलजेपी कार्यकारिणी की बैठक में पशुपति पारस को निर्विरोध पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया गया। इसके बाद से ही नई दिल्ली में स्थित पशुपति कुमार पारस के आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दूसरी ओर पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कराए गए इस चुनाव को असंवैधानिक करार देते हुए चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष का दर खटखटाया है।
चिराग पासवान ने पशुपति पारस के अध्यक्ष बनाने के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी के संविधान में अध्यक्ष को तभी हटाया जा सकता है, जब वो स्वयं इस्तीफा दे या उसका निधन हो जाए। अन्य किसी स्थिति में अध्यक्ष पद से हटाने का नियम एलजेपी पार्टी में नहीं है। वहीं अब चिराग पासवान के इस दावे के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने पार्टी के संविधान को लेकर यह जानकारी मांगी है। इस आधार पर ही अब यह तय होगा कि एलजेपी भतीजे चिराग पासवान के हाथ में रहेगी या चाचा पशुपति पारस के हाथ में।