जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
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25 नवम्बर 2022
भागलपुर : गंगा में पानी घटने से बाढ़ का खतरा तो टल गया है, लेकिन दलदल के कारण शहर के प्रमुख गंगा घाटों की स्थिति बद से बदहाल हो चुकी है। घाटाें पर इतना दलदल है कि नहाने जाने वाले लोग उसमें फंस रहे हैं। सीढ़ी घाट की सीढ़ियों पर मिट्टी की मोटी परत जम गई है। गंगा घाट पर कहां कितना गहरा पानी है इसका भी सही अंदाजा नहीं लग पा रहा है। ऐसे में थोड़ी सी चूक से जान को खतरा हो सकता है। गुरुवार काे एक वृद्धा बरारी सीढ़ी घाट पर स्नान करने के दाैरान दलदल में फंस गई थी।
वहां मौजूद स्थानीय लाेगों ने उन्हें किसी तरह धाेती-साड़ी पकड़ाकर बाहर निकाला था। इससे पहले बुधवार काे भी उसी घाट पर कई लाेग दलदल में फंस गए थे। अमरपुर से आई एक महिला दलदल में फंस गई ताे किसी तरह उसके पति ने उसे बाहर खींचा। इसके बाद दंपती बिना गंगा स्नान के ही वापस चले गए। बरारी का एक युवक भी दलदल में फंस गया था, वह भी किसी तरह बचकर बाहर निकला।
हालत यह है कि घाट पर गंगा नहाने जाने वालाें के मुंह से हर-हर गंगे की जगह दलदल में फंसते ही बाप-रे-बाप निकल रहा है। वे सामने वाले से मदद की गुहार लगाते दिख रहे हैं और बाहर निकलने पर राहत की सांस लेते हैं। दिक्कत यह है कि दलदल के बावजूद निगम ने वहां अब तक चेतावनी का काेई बाेर्ड नहीं लगाया है।
बरारी में सीढ़ी से नीचे गई गंगा, कहीं नहाने काे नहीं मिल रही जगह : हालत यह है कि शहर में नाथनगर से लेकर सबाैर तक छाेटे-बड़े मिलाकर कुल 50 घाट हैं, लेकिन अभी नहाने लायक एक भी घाट नहीं है। सामान्य दिनाें में ही बरारी पुल घाट और बरारी सीढ़ी घाट पर लाेग स्नान करने के लिए जाते हैं। अभी बरारी पुल घाट के पास बनी सीढ़ी के आधे हिस्से काे ताेड़कर रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है। सीढ़ी के बचे हुए हिस्से से भी गंगा दूर चली गई है। बता दे कि बरारी सीढ़ी घाट के पास भी यही स्थिति है।
अभी दाेनाें घाटाें पर काफी दलदल है, अगर काेई अकेला नहाने चले आए और दलदल में फंस जाए ताे उसकी जान पर बन आएगी। शहर के अन्य घाटाें की स्थिति इससे भी ज्यादा खराब है। सबाैर के घाटाें पर डूबने से हर साल लाेगाें की जान जाती रही है, वे घाट खतरनाक घाेषित हैं।
अंत्येष्टि के बाद पुल घाट पर नहाने जाते हैं लाेग : बरारी श्मशान घाट पर हर दिन 15 से 20 शवाें का अंतिम संस्कार हाेता है। भागलपुर के अलावा आसपास के जिलाें से भी लोग यहां अंतिम संस्कार के लिए पहुंचते हैं। अंतिम संस्कार के बाद लाेग गंगा स्नान के लिए पुल घाट जाते हैं, लेकिन दलदल के कारण सहमे रहते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी रात में स्नान करने वालाें काे हाेती है क्योंकि उस समय हादसे होने का ज्यादा डर लगा रहता है।
इस साल अब तक 38 लोगों की गंगा में डूबने से हुई मौत : जिले में आए दिन गंगा में डूबने की घटना सामने आ रही है। इस वर्ष अब तक सुल्तानगंज, नाथनगर, सबाैर व शहरी क्षेत्र काे मिलाकर करीब 38 लाेगाें की माैत गंगा में स्नान के दाैरान डूबने से हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा सुल्तानगंज में 20, नाथनगर में आठ, शहरी इलाके में छह व सबाैर में चार की माैत हुई है। इसी तरह जिले के अन्य प्रखंडाें में भी डूबने से लाेगाें की माैतें हाे चुकी है।
इस बारे में भागलपुर नगर निगम के नगर आयुक्त योगेश सागर ने बताया कि गंगा घाटाें पर दलदल वाली जगहाें पर सूचना के लिए बैनर लगाया जाएगा। बरारी में एक घाट पर रिवर फ्रंट बन रहा है। सीढ़ी घाट पर स्नान के लिए एडवाइजरी जारी किया जाएगा और घाटाें की सफाई भी हाेगी।