जनपथ न्यूज़
16 मई 2025
साउथ बिहार में कुल 43 और नार्थ बिहार में कुल 61 विद्युत शक्ति उपकेंद्रों का निर्माण होगा
कुल 1576.52 करोड़ रुपये होंगे खर्च, किसानों को मिलेगा प्रत्यक्ष लाभ
पटना: मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संपन्न राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार के ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। उत्तर एवं दक्षिण बिहार में कुल 104 नये विद्युत शक्ति उपकेंद्रों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। इनमें से साउथ बिहार में कुल 43 और नार्थ बिहार में कुल 61 विद्युत शक्ति उपकेंद्रों का निर्माण किया जाएगा। इन उपकेंद्रों का निर्माण रेवम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत किया जाएगा।
इस परियोजना पर कुल 1576.52 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसमें 60:40 के अनुपात में वित्तीय भागीदारी निर्धारित की गई है। इसमें 945.91 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से अनुदान स्वरूप प्राप्त होंगे, जबकि शेष 630.61 करोड़ रुपये राज्य की दोनों वितरण कंपनियों — नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
माननीय ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि इस परियोजना से राज्य के विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय प्रगति होगी। विशेषकर, कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी संख्या में फीडरों का निर्माण संभव होगा, जिससे इच्छुक किसानों को कृषि विद्युत संबंध सुलभ रूप से उपलब्ध कराया जा सकेगा।
ऊर्जा सचिव श्री पंकज कुमार पाल ने कहा कि आरडीएसएस योजना के अंतर्गत लॉस रिडक्शन घटक के तहत कृषि फीडरों के पृथक्करण एवं लंबे तथा अधिक भार वाले फीडरों के विभाजन का कार्य राज्य भर में चल रहा है। इसके तहत उत्तर बिहार के 136 प्रस्तावित शक्ति उपकेंद्रों में से 30 उपकेंद्र एवं दक्षिण बिहार के 129 प्रस्तावित उपकेंद्रों में से 29 उपकेंद्रों को पूर्व में मंजूरी मिल चुकी है।
अब कैबिनेट से शेष 104 नये विद्युत शक्ति उपकेंद्रों को भी हरी झंडी मिल गई है। साउथ बिहार में कुल 43 और नार्थ बिहार में कुल 61 विद्युत शक्ति उपकेंद्रों का निर्माण होगा। यह परियोजना विशेष रूप से बिहार के किसानों के लिए फायदेमंद सिद्ध होगी, क्योंकि उन्हें सिंचाई के लिए गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी।
बिहार सरकार का यह कदम राज्य में सतत कृषि विकास, ग्रामीण विद्युतीकरण और ऊर्जा क्षेत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।