जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
4 फरवरी 2023

भागलपुर : जदयू में मचे घमासान को लेकर पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति गरमाई हुई है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और आरपार की लड़ाई शुरू कर दी है। जदयू में मचे इस घमासान पर दूसरे दलों की पैनी नजर बनी हुई है। उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हिस्सा मांगने पर लोजपा (रामविलास) के प्रदेश उपाध्यक्ष सह नाथनगर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अमर सिंह कुशवाहाने उपेंद्र कुशवाहा की मांग का समर्थन किया है। अमर ने मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा है कि नीतीश खुद दूसरों का हिस्सा छीनते रहे हैं और आज जब उनसे कोई हिस्सा मांग रहा है तो यह उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

अमर कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश कुमार दूसरों से उनका हिस्सा न सिर्फ लिया है बल्कि छीनने का भी काम किया है। दूसरे के हिस्से को छीनकर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाकर रखना चाहते हैं। जॉर्ज फर्नांडिंस, दिग्विजय हों या शरद यादव, सबका हिस्सा छीनकर आज मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वे कायम हैं। रातोंरात शरद यादव को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी से हटाकर वे खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूसरों से उनका हिस्सा सदैव छीनते रहे हैं। ऐसे में जब कोई दूसरा व्यक्ति अपने अधिकार की बात करता है, तो वह उतना ही जाएज है, जितना नीतीश कुमार के कार्यकाल के समय हुआ करता था।

श्री कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ अपने हिस्से की चिंता है। वे और उनकी पार्टी के लोग अपने अपने हिस्से के लिए रस्साकसी कर रहे हैं, ऐसे में बिहार की जनता के हिस्से का क्या होगा। नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के लोगों को बिहार और बिहारियों की चिंता करनी चाहिए; लेकिन वे सिर्फ अपने हिस्से के लिए लड़ रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह जदयू का अंदरूनी मामला है कि वह उनसे इस्तीफा लेती है या उपेंद्र कुशवाहा खुद अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं या पार्टी में रहते हुए वे अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे, यह उपेंद्र कुशवाहा को ही तय करना है।

अमर कुशवाहा ने कहा कि जदयू में न तो लोकतंत्र बचा है और ना ही पार्टी ही बची हुई है। नीतीश कुमार आज के समय में अपना उत्तराधिकारी किसी दूसरे दल के नेता को मान रहे हैं। नीतीश कुमार कहते हैं कि उनके बाद दूसरे दल के नेता को ही सबकुछ संभालना है तो ऐसे में उनकी पार्टी का अस्तिव ही नहीं बचा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए नीतीश कुमार से जानना चाहा है कि क्या उनकी पार्टी में एक भी ऐसा नेता नहीं है, जो उनके बाद पार्टी को संभाल सके। यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि नीतीश कुमार की पार्टी में कुछ भी नहीं बचा है।

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