दिल्ली के जनादेश में देश की भावना प्रकट हुई : विजय कुमार सिन्हा
आप-दा’ की चतुराई को चित किया चरित्र की राजनीति ने : विजय कुमार सिन्हा
पूर्वांचलियों के दिल से निकली आवाज की आहट बिहार में भी सुनाई देगी : विजय कुमार सिन्हा
मोदी, महिला और मिडिल क्लास का मैजिक दिखा दिल्ली में : विजय कुमार सिन्हा
दिल्ली में नीति और नीयत से नाकाम हुआ निगेटिव नैरेटिव: विजय कुमार सिन्हा
बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने दिल्ली विधानसभा में NDA को मिली जीत को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह जीत चतुराई और चालबाजी के ऊपर चरित्र की राजनीति की जीत है । केजरीवाल और उनकी पार्टी ने लगातार एक दशक तक जनादेश और जन-अपेक्षा के साथ खिलवाड़ किया । ये सार्वजनिक जीवन की शुचिता और मर्यादा को भूलकर झूठ, फरेब और फ्रॉड की राजनीति के पोषक बन गए थे । इसलिए दिल्ली की जनता ने आज ‘आप-दा’ से मुक्त होकर मोदी जी की गारंटी को गले लगाया है ।
श्री सिन्हा ने कहा कि दिल्ली के चुनाव में मोदी, महिला और मिडिल क्लास का मैजिक पूरी तरह चला है । साथ ही पूर्वांचल से आने वाले मतदाताओं ने भी कोरोना काल में पूरे समुदाय के साथ हुए अपमान का बदला केजरीवाल और उनकी पार्टी से लिया है । इस चुनाव ने सिद्ध किया है कि हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान और उसकी भावना का अनुपालन जनता चाहती है । जो भी इसे तार-तार करने का प्रयास करेगा, उसे मुंह की खानी पड़ेगी ।
श्री सिन्हा ने कहा कि यह जीत हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र की NDA की सरकार, संगठन और संघ के सम्मिलित प्रयासों की जीत है । इस चुनाव ने साबित किया है कि जो भी अच्छी नीति और नीयत के साथ जनता की गारंटीशुदा सेवा सुनिश्चित करेगा जनादेश का नतीजा उसके पक्ष में होगा । इसीलिए दिल्ली की जनता ने ‘करप्शन’ और ‘कमीशन’ की सरकार से छुटकारा पाते हुए विकास के ‘कमिटमेंट’ वाली सरकार बनाने का निर्णय लिया है ।
श्री सिन्हा ने कहा कि दिल्ली के जनादेश की आवाज दूर तक जाएगी । निश्चित रूप से आगमी बिहार विधानसभा के चुनाव में भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा । राज्य में माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों मजबूत आधार तो हमारे पास है ही इस चुनाव से NDA के हमारे कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार होगा । दूसरी तरफ अब लोगों को भी यह स्पष्ट हो गया कि ‘इंडी’ जमघट बनाकर जो नकारात्मक नैरेटिव गढ़ने का प्रयास किया गया था । आज वह आपसी विराधाभास के कारण ताश के पत्ते की तरह बिखर कर रह गया है ।