जनपथ न्यूज़ रांची. झारखंड सरकार की अब रघुवर सरकार के दाैरान नियुक्त की गई कंसल्टेंसी अाैर अाउटसाेर्सिंग कंपनियाें पर नजर है। मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने राज्य के सभी विभागाें अाैर उनके तहत अाने वाले बाेर्ड, निगम अाैर संस्थाअाें के कर्मचारियाें का पूरा ब्याेरा मांगा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव डीके तिवारी ने इस संबंध में सभी विभागाें काे पत्र लिखकर 48 घंटे में यह जानकारी देने काे कहा है। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियाें अाैर सदस्याें की नियुक्ति या मनाेनयन प्रक्रिया अाैर याेग्यता की जानकारी दें। काैन-काैन पदधारक है, कब से कार्यरत हैं अाैर उनका कार्यकाल कब तक है, यह भी बताएं।
यह जानकारी सरकारी अाैर गैर सरकारी, सभी व्यक्तियाें अाैर संस्थाअाें से मांगी गई है। मुख्य सचिव का पत्र मिलने के बाद सभी विभागाें में हड़कंप मचा हुअा है। गाैरतलब है कि पिछली सरकार में 2015 में लगभग सभी विभागाें में ईएंडवाई, पीडब्ल्यूसी, केपीएमजी, ड्रीम लाइन जैसी निजी कंपनियाें काे कंसल्टेंट अाैर मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बहाल किया गया था। इन कंपनियाें के कई कर्मचारी अभी भी कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री अब अप्रैल से हर महीने तीन-तीन प्रखंडाें का दाैरा करेंगे
हर महीने तीन प्रखंडों का दौरा करेंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन हर महीने राज्य के तीन प्रखंडाें का दाैरा करेंगे। इसकी शुरुअात अप्रैल से हाेगी। इस दाैरान वह प्रखंड मुख्यालयाें का निरीक्षण करेंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव डाॅ. डीके तिवारी काे पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि सभी प्रखंड कार्यालयाें, सामुदायिक भवनों, स्वास्थ्य केंद्राें, थाना परिसराें अाैर बाल विकास परियाेजना कार्यालयाें काे सशक्त करें। सभी विभागाें काे हिदायत दें कि प्रखंड स्थित अन्य भवनाें की जरूरत के मुताबिक मरम्मत अाैर रंगाई-पुताई कराएं। नए फर्नीचर की व्यवस्था करें। ग्रामीणाें के बैठने के लिए बेंच अाैर पेयजल-शाैचालय अादि की भी व्यवस्था हाे।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रखंड स्तर के प्रशासनिक ढांचे को ठीक करने के अलावा नियोजनालयों को सक्रिय करने, अनियमितताओं की जांच आदि विषय पर मुख्य सचिव काे पत्र लिखा गया है। इसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपालजी तिवारी की मुख्य भूमिका है। तिवारी सरकार की सोच के अनुरूप कार्यपालिका को दिशा देने में कई अन्य तरह के स्टेप पर भी काम कर रहे हैं। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही गोपालजी तिवारी इस दिशा में काम कर रहे थे। जिस समय मंत्रिमंडल का विस्तार व विभागों के बंटवारे की चर्चा हो रही थी, उस समय तिवारी इन्हीं सब विषयों पर काम कर रहे थे।