मुख्यमंत्री ने ‘कुशवाहा’ पर बोलने से सभी को मना किया तो और ज्यादा बोलने लगे नेता
जनपथ न्यूज डेस्क
Report: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Editor: राकेश कुमार
उपेन्द्र कुशवाहा के बगावती तेवर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सकते में हैं. क्या करना है..उनकहें कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है. पार्टी से बाहर जाने को लेकर सीएम नीतीश ने साफ कह दिया, इसके बाद भी कुशवाहा अड़े हुए हैं. अब तो उन्होंने हिस्सेदारी मांग कर नीतीश कुमार को और मुश्किल में डाल दिया है. उपेन्द्र कुशवाहा के तीखे सवालों का जवाब मुख्यमंत्री के पास नहीं है. उनका प्रहार जारी है. सीएम नीतीश ने चार दिन पहले ही मीडिया से बातचीत करते हुए कह दिया था कि अब उनके बारे में न हम और न हमारी पार्टी का कोई नेता बोलेगा. मुख्यमंत्री के इस सार्वजनिक ऐलान के बाद भी जदयू के नेता कुशवाहा पर हमला करने से बाज नहीं आ रहे. मुख्यमंत्री ने जिस दिन ये बातें कही, उसके बाद तो जदयू के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने कुशवाहा को जमकर सुनाया है. यूं कहें कि हमला और तेज हो गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दल के नेता अब नीतीश कुमार की भी बात नहीं मानते ? अगर ऐसा है तो फिर उपेन्द्र कुशवाहा ने जो सवाल खड़े किये हैं कि मुख्यमंत्री के खास लोग हीं उन्हें कमजोर कर रहे, इस बात की पुष्टि हो रही है..!
*न मैं और न हमारी पार्टी कुशवाहा पर कुछ बोलेगा*
याद कीजिये…मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 24 जनवरी को दिया बयान. कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे नीतीश कुमार ने जब मीडिया से बातचीत की थी. तब उन्होंने कहा था कि वह उपेंद्र कुशवाहा से जुड़े किसी सवाल का जवाब नहीं देंगे. इतना ही नहीं उन्होंने तो ये भी कहा था कि वह और उनकी पार्टी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कोई जवाब नहीं देगी. मुख्यमंत्री ने अपने 24 जनवरी के बयान में कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा के किसी बात पर कुछ मत पूछिए. छोड़ दीजिए उनको, जो मन में आए बोलते रहें.उनको बोलने के लिए छोड़ दीजिए. उनकी बात पर हमारी पार्टी का कोई नेता कुछ नहीं बोलेगा. यह पहली बार था, जब नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर साफ कहा कि वह और उनकी पार्टी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कोई जवाब नहीं देगी.
*नीतीश की रोक के बाद कुशवाहा को आटा-चावल बेचने वाला बताया गया*
जदयू के सर्वोच्च नेता द्वारा इस ऐलान के बाद उनके दल के कई बड़े नेताओं ने उपेन्द्र कुशवाहा पर जमकर प्रहार किया है. यानि नीतीश कुमार की बात को जदयू नेताओं ने ठेंगा दिखाते हुए कुशवाहा पर अपना प्रहार जारी रखा हुआ है. प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने 26 जनवरी के दिन तो हद कर दिया. उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा को आटा-चावल बेचने वाला बताते हुए जमकर आलोचना की. झंडोत्तोलन के बाद जदयू दफ्तर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उमेश कुशवाहा ने उपेन्द्र कुशवाहा पर हमला बोलते हुए कहा था कि कल तक जो आदमी लगातार संगठन की मजबूती की बात कर रहे थे, आज हिस्सेदारी मांग रहे हैं. उनको तो शर्म आनी चाहिए. जिसको उपेंद्र सिंह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा बनाया, विरोधी दल का नेता बनाया, राज्यसभा में भेजा. जब बेरोजगार हो गए और आटा-चावल बेच रहे थे तो फिर सत्ता की राजनीति में लाकर उन्हें विधान परिषद में भेजा गया. वह ऐसी बात करते हैं, हमें तो ऐसे लोगों पर ताज्जुब होता है.
*कुशवाहा को बताया गया किराएदार*
जदयू प्रदेश अध्यक्ष के बाद भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने भी उपेन्द्र कुशवाहा पर बड़ा हमला बोला था. उन्होंने 26 जनवरी को कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में हैसियत किराएदार की है और किराएदार कभी हिस्सेदार नहीं हो सकता है. श्री चौधरी ने कहा कि जदयू को खड़ा करने में उनका कोई योगदान नहीं है. इसके बावजूद उन्हें पार्टी के नेता नीतीश कुमार ने हमेशा सम्मान दिया है. बदले में हर एक मौके पर नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से कमजोर करने की कोशिश हुई है. इन नेताओं के अलावे कई अन्य नेताओं ने भी उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ जमकर प्रहार किया है.
*नीतीश कसम खाए कि हम झूठ नहीं बोल रहे*
उपेंद्र कुशवाहा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार पर जमकर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इन दो साल में मेरी कोई बात नहीं सुनी गई. मुख्यमंत्री की भी और मेरी भी संतान है. नीतीश कुमार कसम खाए कि हम झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया को हम बीच में नहीं लेकर आए हैं. मैंने सीएम से मिलकर सारी बातें बताई थी कि कैसे पार्टी कमजोर हुई है. हमको लगा था कि सीएम इस पर एक्शन जरुर लेंगे, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. इन दो साल में मेरी एक बात नहीं सुनी गई. इसके बजाय मुख्यमंत्री ने कहा कि आप तो भाजपा में जाना चाहते हैं. सीएम के इस बयान से मुझे बहुत दुख और तकलीफ हुआ है और मैं इस बयान से मर्माहत भी हुआ हूं.