जनपथ न्यूज़ डेस्क
28 जून 2024

चम्पारण: भारत सरकार के पुर्व एडीजी तथा बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक ने चंपारण में संभावित बाढ़ और नदियों के कटाव पर चिंता व्यक्त किया है। मिडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चंपारण के अधिकांश जगहों,नदियों के तटवर्ती इलाकों,नहरों और नेपाल से आनेवाली छोटी छोटी छिछली नदियों के कारण चंपारण में बारिश के समय कहीं कहीं भयावह स्थिति हो जाती है।

गंडक नदी के तटवर्ती लगभग 5 दर्जन गांवों , बगहा शहर और नदी के बांध किनारे के लोगों की स्थिति, आवागमन और व्यवसाय बाढ़ में बहुत प्रभावित होता हैं। स्कूल,कॉलेज और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बंद रहते है। अस्पतालों में जानेवाली सड़के ,किसानों के गोदाम,छोटे छोटे रोजगार प्रभावित होते हैं। बाढ़ की स्थिति में किसानों की खेती चौपट हो जाती और मवेशियों का चारा खत्म हो जाता और उनके ठिकाने भी प्रभावित होते है। सांस्कृतिक और कम्युनिटी बेस्ड एक्टिविटी भी प्रभावित होते है। अतः बाढ़ की विभीषिका से पुर्व वर्तमान सरकार और उसके तंत्र को इस विषय पर सम्यक विचार कर इसके रोकथाम और अन्य जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।

पुर्व नौकरशाह तथा बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने विगत के सालों में रामनगर, लौरिया और बगहा विधानसभा के कुछ गांवों को प्रभावित करनेवाली मसान नदी पर गाइड बांध और पुर्व में अन्य जगहों पर ठोकर आदि के विषय में ग्रामीणों से आवेदन प्राप्त कर बिहार सरकार के सचिव लेवल के अधिकारियों से मिलकर कामों को अंजाम तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि कई दफा उन्होंने गंडक नदी के कटाव स्थलों का दौरा किया और संबंधित अधिकारियों से वस्तुस्थिति से अवगत कराया।

नरकटियागंज विधानसभा के करीब आधा दर्जन छिछली, छोटी नदियों, सरेही नहरों, बड़े बड़े चंवरों आदि के पानी जिनका निकलने का कोई श्रोत नहीं होता और वो किनारे बसे आबादी को प्रभावित करते है इसलिए श्री पाठक ने सरकार से इस विषयों पर जल्द संज्ञान लेने और जरूरी एहतियाती कदम उठाने का आग्रह किया और उनका निवेदन बिहार सरकार और संबंधित मंत्रालय और अधिकारियों से इसे और बेहतर और जल्दी मूर्त रूप देने और अन्य प्रभावी जगहों पर कटाव निरोधी कार्य करने की अपील है।

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