जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
16 फरवरी 2023

भागलपुर : बाजार से दो हजार के नोट क्यों गायब हैं? 10, 20, 50, 100 जैसे छोटे नोट कम क्याें मिल रहे? इस सवाल पर भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक संजीव दयाल ने कहा है कि बैंकों के डिजिटल माध्यम यूपीआई आदि के कारण नोट व करेंसी कम दिख रहे हैं। ये बातें उन्होंने रिजर्व बैंक कार्यालय में वित्तीय साक्षरता सप्ताह के मौके पर मीडिया से मुखातिब होते हुए कही। रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए सिक्के लेने से बैंक और उनकी शाखाएं इनकार नहीं कर सकती है। कोई बैंक या ब्रांच सिक्का लेने से मना करें तो इसकी शिकायत करें, कार्रवाई होगी। बैंक या अन्य दुकानदार भी ग्राहकों को सिक्के दे तो लेना चाहिए।

*सीएससी आज हर टोले मोहल्ले में*: सरकार और केंद्रीय बैंक द्वारा करेंसी नोट की तुलना में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जा रहा है। बायो मैट्रिक यानी आधार आधारित पेमेंट सिस्टम की पहुंच आम लोगों तक हो गई है। बिहार में बैंक की शाखाएं खोलने के सवाल पर क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि अभी पांच हजार की जनसंख्या वाले गांव बैकिंग की सुविधा है। बैंकिंग कॉरेस्पांडेंट और कॉमन सर्विस सेंटर आज तकरीबन हर टोले मोहल्ले में खुल गए हैं। क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि जिस एटीएम एक माह में 10 घंटे से अधिक समय तक नोट आउट (कैश आउट) रहता तो संबंधित बैंक पर जुर्माना लगाया जाता है।

*आरबीआई से जिन्हें मान्यता वहीं जमा करें पैसे तो नहीं डूबेंगे*: किस बैंक में ग्राहकों के पैसे सुरक्षित हैं, धोखा से लोग कैसे बचें? इस सवाल पर क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि पैसे उस बैंक या वित्तीय संस्थानों में जमा करना सुरक्षित है, जो आरबीआई से प्रूफ हैं। आरबीआई के साइट पर ग्राहक ऐसे बैंकों की सूची देख सकते हैं। बैंक दिवालिया होने की स्थिति में ग्राहकों की जमा राशि कितना सुरक्षित रहेगा? इस सवाल पर क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि तब भी ग्राहकों के 5 लाख का प्रिंसिपल राशि और इंटरेस्ट सुरक्षित रहेंगे।

डिजिटल लेनदेन सरल है, लेकिन संदिग्ध संदेश, कॉल, लिंक और वेबसाइट आदि के प्रति सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। सार्वजनिक स्थल के वाईफाई का उपयोग कर डिजिटल लेनदेन से बचना चाहिए। किसी लिंक और अनचाहे कॉल पर कुछ भी शेयर न करें। 13 से 17 फरवरी तक वित्तीय जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।

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