ताजाखबरबिहारबिहार के ताजा खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

कोरोनाकाल का जब दूसरा चरण शुरू हुआ तो अधिकांशतः मरीजों को ऑक्सीजन संबंधी संकट का सामना करना पड़ा.

कोरोनाकाल का जब दूसरा चरण शुरू हुआ तो अधिकांशतः मरीजों को ऑक्सीजन संबंधी संकट का सामना करना पड़ा. ऐसे मुश्किल समय में जिले के सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली संस्था प्रांगण रंगमंच द्वारा खुलकर जरूरतमंदों की मदद करने के लिए सामने आई. प्रांगण रंगमंच के कार्यक्रम पदाधिकारी सुनीत साना व पूर्व मीडिया प्रभारी गरिमा उर्विशा फोन के जरिए मरीजों को ऑक्सीजन, दवा, बेड इत्यादि उपलब्ध कराती रही. कोरोना की इस दूसरी लहर में सैंकड़ों होम क्वारंटाइन संक्रमितों की जान प्रांगण रंगमंच ने ऑक्सीजन देकर बचाई. बीते साल जब कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा था तो प्रांगण रंगमंच कभी खाना लेकर, तो कभी मास्क लेकर, तो सेनेटरी पैड लेकर लोगों तक पहुँचा रहे थे. इस बार प्रांगण ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर सामने आया, जिसकी मरीजों को सख्त आवश्यकता थी. बता दें कि पटना के ऑक्सीजन मैन गौरव राय ने मधेपुरा की गरिमा उर्विशा द्वारा मधेपुरा में किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर बिहार फाउंडेशन की मदद से आपातकाल के लिए पांच ऑक्सीजन सिलिंडर सुपुर्द किया. जिसका उपयोग गरिमा उर्विशा और सुनीत साना ने प्रांगण रंगमंच ऑक्सीजन बैंक के बैनर तले मधेपुरा में जरूरतमंदों की जान बचाने के लिए किया. जब दूसरी बार कोरोना ने अपनी जाल बिछाई तो प्रांगण रंगमंच द्वारा ऑक्सीजन बैंक की हेल्पलाइन नंंबर जारी की गई.

जिले के विभिन्न प्रखंडों के लोगों को इसका लाभ मिला. प्रांगण रंगमंच की मीडिया प्रभारी गरिमा उर्विशा एवं युवा गायक व संस्था के कार्यक्रम पदाधिकारी सुनीत साना बताते हैं कि सिलिंडर लेने-देन का यह कार्य उनके घर से ही किया जा रहा था. इस दौरान वे लोग कोरोना वायरस से बचाव के लिए आवश्यक गाइडलाइन्स का पालन करते हुए मास्क, सैनिटाइजर समेत अन्य जरूरी चिकित्सकीय उपकरणों का उपयोग करते थे. ये लोग मरीजों के स्वजनों को ऑक्सीजन सिलिंडर उपयोग करने की जानकारी भी देते थे. उन्होंने संध्या ऑक्सीजन के प्रोपराइटर रवि कुमार साह का विशेष आभार व्यक्त किया है कि उन्होंने उस विषम परिस्थिति में अपना विशेष सहयोग देकर प्रोत्साहन दिया . शुरुआत में तो उन्होंने रीफिलिंग की सुविधा दी लेकिन जब रीफिलिंग में समस्या आने लगी तो उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्थाओं की जानकारी दी और हर संभव सहयोग के लिए वे तैयार रहे. सिलिंडर की कमी रहने के कारण डॉक्टर की पर्ची देखने के बाद ज्यादा गंभीर स्थिति रहने पर ही यह सुविधा दी जाती थी. प्रांगण रंगमंच के गरिमा उर्विशा और सुनीत साना ने सौ से भी ज्यादा लोगों को मदद पहुँचाई. ये लोग देशभर में फोन के माध्यम से लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक मदद पहुंचाने में लगे थे. सिलिंडर की संख्या कम होने के कारण वे सबकी मदद नहीं कर पा रहे थे. कई बार मरीजों से फोन पर बातचीत कर उनके मनोबल को बढ़ाने की भी कोशिश की गई. संपर्क के स्थानीय चिकित्सक डॉ. आरके पप्पू सहित अन्य कुछ चिकित्सकों से सलाह लेकर मरीजों को जरूरी परामर्श भी उपलब्ध करवाने की कोशिश की.

कौन है गरिमा और सुनीत?

मधेपुरा जिले में सांस्कृतिक एवं सामाजिक परिवेश को बढ़ावा देनेवाली एवं राष्ट्रीय मंच तक अपना झंडा लहराने वाली संस्था प्रांगण रंगमंच मधेपुरा की पूर्व मिडिया प्रभारी गरिमा उर्विशा एवं कार्यक्रम पदाधिकारी सुनीत साना आपस में भाई-बहन हैं. निम्नवर्गीय परिवार के गरिमा और सुनीत अक्सर सामाजिक सरोकारों में अग्रणी भूमिका निभाते नजर आते हैं. दोनों भाई-बहन अक्सर रक्तदान, वृक्षारोपण, जरूरतमंदों की मदद करते देखे जाते हैं. संस्था के अध्यक्ष डॉ. संजय परमार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूप में ऑक्सीजन सिलिंडर के इस अभियान में अपनी भूमिका निभा रहे थे. वे गरिमा और सुनीत द्वारा किए जा रहे इस अतुलनीय कार्य की सराहना करते हुए इनके उज्जवल भविष्य की मंगलकामना करते हैं. सुनीत कुमार “साना” और गरिमा उर्विशा का जन्म उनके ननिहाल मधेपुरा में हुआ. वे हमेशा से मधेपुरा स्थित अपने ननिहाल में ही रहे. गायन- नाटक इत्यादि में सुनीत की गहन रूचि होने के कारण नाट्यशास्त्र एवं संगीत से स्नातकोत्तर किया है. समाजसेवा की ऐसी ललक है कि कोरोना जैसे विकराल समय में भी खुलकर लोगों की मदद कर रहे हैं. पिछले साल लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न जिलों के छात्र जो मेडिकल की पढ़ाई के दौरान किर्गिस्तान में फंसे गए थे, उनकी जानकारी मिलने पर सुनीत साना ने अन्य कई लोगों के सहयोग से उन छात्रों को स्वदेश वापस लाने में सफ़लता पाई थी. अब इस साल जब कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई तो उन्होंने जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचाने का जिम्मा उठाया है.

बहुत ही कम उम्र की गरिमा उर्विशा ने स्वयं अबतक 8 बार रक्तदान किया है और कई लोगों को प्रेरित कर उनसे रक्तदान करवाया भी हैै. वहीं रक्त की कमी के कारण मरीजों की जान बचाने के लिए अक्सर सोशल मीडिया के माध्यम से रक्तप्रबंधन का काम करती नजर आती हैं. पेशे से गरिमा एक छात्रा हैं और पार्ट टाइम एक शिक्षिका भी हैं. शौकिया तौर पर मधेपुरा खबर नाम से एक वेब पोर्टल भी चलाती हैं. काम और सेवा का ऐसा जुनून है कि गरिमा हमेशा ही कुछ न कुछ करती दिख जाती हैं. कोरोना काल में अभी जब शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह ठप है तो गरिमा अपना पूरा समय जरूरतमंदों की सेवा में ही लगा रही हैं. बिहार फाउंडेशन द्वारा प्रदत्त 5 ऑक्सीजन सिलिंडर से हरसंभव मरीजों को ऑक्सीजन पहुँचाने की कोशिश कर रही हैं.

Loading

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button