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प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय व बिहार सरकार के निर्देशों का उलंघन करते एनएच 727 टॉल कम्पनी

प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय व बिहार सरकार के निर्देशों का उलंघन करते एनएच 727 टॉल कम्पनी
एनएच 727 पर लॉरिया– बगहा मुख्य पथ पर स्थित टॉल पर पिछले तीन माह से काम कर रहें स्थानीय युवकों को नई कंपनी ने काम से निकाल दिया है,साथ ही कंपनी के मालिक ने बिहार के लोगों के प्रति गलत बयानबाजी भी किया हैं।
बताते चलें कि टॉल पर पहले की हरियाणा की कंपनी ने स्थानीय युवकों को काम पर रखा था जिनकी ड्यूटी आठ घंटे की शिफ्ट में थी।
परन्तु नई कंपनी जिसको अब ठेका मिला है उसने स्थानीय युवकों को काम से निकाल दिया है ।वो युवक बेहद गरीब है ऑर सरकार ने उनको कोरोना काल में दूसरे प्रदेशों से बुलाया था।सभी प्रवासी मजदूर हैं।
बिहार सरकार के निर्देशानुसार प्रवासी मजदूरों के पलायन रोकने ऑर उनके पुनर्वास के लिए सरकार अथवा सरकार प्रायोजित किसी भी संस्था ,सरकारी ठेका अथवा सरकार की कोई योजना में स्थानीय लोगों को काम देना है परन्तु यहां दूसरे प्रदेश की कंपनी ने बिहारी ऑर चंपारण के लोगों को काम से निकाल दिया हैं।
साथ ही बिहार सरकार की निर्देश की धज्जी भी उड़ा रही है।
और तो और जो लोग काम कर रहे है उनसे वर्तमान कंपनी 12 घंटे के शिफ्ट में काम ले रही है ऑर सैलरी 8 घंटे के हिसाब से दे रही है और वो भी सरकार के न्यूनतम वेतन से काफी कम दे रही है।टॉल पर मजदूरों का शोषण हो रहा है। और साथ ही टॉल कंपनी लेबर लॉ का उलंघन कर रही है । बिहार सरकार को इसपर संज्ञान लेना चाहिए ऑर साथ ही अन्य सामाजिक संस्थाओं को इसपर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना चाहिए।
काम से निकले गए प्रवासी मजदूरों में रवि भूषण तिवारी, मुनींद्र मिश्रा,रवि भूषण मिश्र, राजेन्द्र तिवारी,राजेश कुंवर, राजन यादव,भगत जी , सरफराज ऑर साथ ही इनके परिवार के दर्जनों लोगों ने दिनांक 17-01 को टॉल पर शांतिपूर्वक धरना दिया जिससे यातायात ठप रहा।
बाद में कंपनी के मैनेजर ,गणमान्य लोगों ऑर मिडिया के आश्वासन पर लोगों ने धरना समाप्त किया।

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