भागलपुर/राहील सिद्दीकी
बिहार के गिने चुने विश्वविधालय में एक तिलकामांझी विश्वविधालय जहाँ छोटे छोटे कस्बो से निकलकर छात्र आँखों मे भविष्य के सपने लिए पढ़ाई करने आते है, छात्रों के सपनों को तिलकामांझी विश्यविद्यालय चकनाचूर कर रहा है,तिलकामांझी विश्वविधालय पर भृष्टचार के साथ अनेको आरोप लगता आ रहा है, नया आरोप विश्वविधालय हिंदी विभाग के “विभागाध्यक्ष पर बिगड़ते बोल एवं चरित्र “का आरोप लगा है ,छात्र नेता अंजनी विषु ने बताया
1. सभी विभाग के द्वारा वस्तुनिष्ठ प्रश्न में विकल्प दिया जाता है। हिंदी विभाग में भी पहले वस्तुनिष्ठ प्रश्न में विकल्प दिया जाता था लेकिन जबसे बहादुर मिश्र बने हैं तब से विकल्प नहीं दिया जा रहा है और यह UGC रूल के खिलाफ भी है?
2. जो छात्र एवं छात्रा टॉपर के लायक नहीं उसे टॉपर बनाते हैं। विशेष में आंतरिक परीक्षा की कॉपी देख सकते हैं। छात्रों को यह महानुभाव कॉपी नहीं दिखा रहे हैं कि वह छात्र क्या लिखा जो आपने इतना नंबर दे दिया और मैंने क्या लिखा जो आपने इतना कम नंबर दे दिया।
3. यह अपने आप को इतने विद्वान समझते हैं कि यदि आप किसी दूसरे शिक्षकों का उत्तर जो पढ़ाए हैं वह लिख दीजिएगा तो आपका नंबर काट लेंगे।
4. जो छात्र एवं छात्रा कॉपी निकलवाने की बात करते हैं और वस्तुनिष्ठ प्रश्न में विकल्प देने की बात करते हैं तो उसे या महानुभाव डरा धमका कर चुप करवा देते हैं और नंबर काट लेने की बात करते हैं।
5.सभी दिन याह महानुभाव 1 घंटा की कक्षा में मात्र 10 मिनट पढ़ाते हैं ,20 से 30 मिनट उपस्थिति लेने में बांकी समय रोमांटिक बात करने में एवं दूसरे शिक्षकों की बुराई करने में में गुजार देते हैं।
6. इस महानुभाव को छात्र एवं छात्राओं को अपने आगे पीछे घुमाने की आदत है और उसी को टॉपर बनाते हैं चाहे वह कुछ लिखें।
छात्र इसके खिलाफ कुलाधिपति से शिकायत करेंगे।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चाहिए कि तिलकामांझी विश्वविधालय में हो रहे गड़बड़ी की जांच करा कर दोषियों पर कार्यवाही करे जिससे छात्रों भविष्य से खिलवाड़ ना हो ।