जनपथ न्यूज़ :- बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि वो नियोजित शिक्षकों को फिलहाल समान काम के लिए समान वेतन नहीं देने जा रहे हैं. गुरुवार को पटना में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह के मौके पर नीतीश ने कहा कि बिहार में शिक्षकों का तनख्वाह चार हजार से बढ़ाकर वेतनमान में किया गया. हमने सातवां वेतनमान भी दिया लेकिन लोग मेरे ही विरोध में नारा लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आप मेरे विरोध में नारा लगाएं, ये आपका काम है. सीएम ने इशारों ही इशारों में शिक्षकों के आंदोलन पर कई सवाल खड़े और विपक्षियों को भी आड़े हाथ लिया.
विपक्ष पर साधा निशाना
सीएम ने कहा कि शिक्षकों को अपने मूल दायित्वों को याद रखना चाहिए. मांग हो तो अवश्य मांग कीजिये
लेकिन वो जायज हो. आंदोलनकारी शिक्षकों को सीएम ने कहा कि आपको जो करना है कीजिये, हम ही करेंगे. विपक्ष पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि अभी पक्ष में बोलने वाले क्या बोलते थे. 2008 में कहा था कि अयोग्य शिक्षक की बहाली की जा रही है तब हमनें ही कहा था कि कोई अयोग्य नहीं है और पूरे तरीके से टेस्ट लिया था.
आप पढ़ाते रहिए हम ही कुछ करेंगे
सीएम ने कहा कि जब आप बच्चों को नहीं पढाएंगे तो हमें तकलीफ होगी. नीतीश कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय की चर्चा करते हुए कहा कि आपलोगों के लिए जो करेंग हम ही करेंगे लेकिन समय आने पर. आपलोग पढ़ाते रहिएगा तो आपकी मांग पर हम कुछ करेंगे लेकिन मेरी सिर्फ एक इच्छा है कि आप सिर्फ पढ़ायें.
सीएम ने कहा कि जब मैं सांसद था तो मोकामा घूमने के दौरान मुझसे एक बच्चे ने पूछा कि हम पढ़ेंगे नहीं क्या? तो मैं आश्चर्यचकित हो गया, इसके बाद जब मैंने सीएम का दायित्व संभाला तो देखा कि
12.50 प्रातिशत बच्चे स्कूल से बाहर थे, लेकिन अब वक्त बदल चुका है और बच्चे स्कूल जा रहे हैं. अब एक प्रातिशत से भी कम बच्चे स्कूल से बाहर हैं. हमने लड़कियों के लिए साईकिल योजना शुरू की तो इससे बिहार की शिक्षा में बड़ा परिवर्तन आया. इस मौके पर 20 शिक्षकों को सीएम ने सम्मानित किया.