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पटना। जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष श्री अनिल कुमार ने राज्‍य सरकार पर हाई प्रोफाइल मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में बड़ी मछली को बचाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्‍होंने पूछा कि बिहार के साथ CBI नाइंसाफी क्‍यों करती है ? उन्‍होंने आज पटना स्थित अपने पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्‍मेलन के दौरान कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड बिहार का महापाप है, जिसमें अब तक सिर्फ निचले स्‍तर पर कार्रवाई हुई। बांकी बड़े सफेदपोशों को बचाने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में बिहार की समाज कल्‍याण मंत्री मंजू वर्मा के पति एवं अन्य नेताओ का नाम सामने आया, तो उनकी अब तक गिरफ्तारी क्‍यों नहीं हुई? नीतीश कुमार ने अपने मंत्री से अब तक इस्‍तीफा क्‍यों नहीं लिया? पीडि़त बच्चियों ने अपने बयान में कहा था कि तीन लोगों से काफी डर लगा करता था। इसमें एक तोंद वाले नेताजी, मूंछ वाले अंकल और हंटर वाले अंकल शामिल थे। आखिर ये कौन थे? उनकी गिरफ्तारी अब तक क्‍यों नहीं हुई?

श्री कुमार ने कहा कि बिहार में सृजन घोटला, नवरूणा हत्‍याकांड समेत कई मामलों की जांच CBI के जिम्‍मे है, मगर इन मामलों में CBI का रवैया उदासीन है। इसलिए हम मांग करते हैं कि बालिका गृह मामले की जांच CBI से  किसी संसदीय समिति या उच्च न्यायालय के देखरेख में होना चाहिए, वरना यह सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह जायेगा। CBI नवरूणा कांड के आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर नहीं कर सकी, जिसके आधार पर सोमवार को कोर्ट ने इस मामले के जेल में बंद आधा दर्जन आरोपी को बरी कर दिया है तथा भागलपुर का सृजन घोटाला भी CBI के पास है जिस फ़ाइल  को बंद करा कर रखा गया है। जिस दिन सृजन घोटाले की जाँच ढंग से शुरू हो जायेगी निश्चित रूप से बिहार की सरकार गिर जाएगी, ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्‍या बालिका गृह मामले में CBI की जांच निष्‍पक्ष होगी और क्‍या इस मामले में उन सफेदपोशों और बड़ी मछलियों पर कार्रवाई भी संभव हो सकेगी?

उन्‍होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ बलात्कार मामले में पुलिस ने POCSO कोर्ट में के अनुसार बालिका गृह में एक कमरा था, जो ऑपरेशन थिएटर के रूप में काम करता था। यहां रहने वाली लड़कियों के साथ शारीरिक शोषण के बाद गर्भवती होने की स्थिति में जबरन इसी ऑपरेशन थिएटर में गर्भपात करा दिया जाता था। सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह में बड़े नेताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों ने बच्चियों का मानसिक, शारिरिक और यौन शोषण किया। हद तो तब हो गई जब मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर नीतीश कुमार की मेहरबान सामने आई। जिस दिन ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ FIR दर्ज हुई, उसी दिन उसको ‘मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना’ के तहत एक और अल्पावास का टेंडर दे दिया गया। आखिर इस मामले में भी नीतीश कुमार की अंतर्रात्‍मा क्‍यों नहीं जगती? क्‍या उनकी अंतर्रात्‍मा सिर्फ कुर्सी के लिए है? इन बालिका गृह में गरीब और बेसहारा लड़कियां रहती हैं,जिसकी अस्‍मत को खुद इनके मंत्री व पदाधिकारी मिलकर लुटवा रहे हैं।

श्री अनिल कुमार ने रेलवे भर्ती की होने वाली परीक्षा के लिए छात्रों का परीक्षा केंद्र दूरदराज के राज्यों देने पर भी केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि डिजिटल इंडिया में भी ऑनलाइन परीक्षा के लिए छात्रों को हजारों किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा। यह तो मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। बिहार के कुछ क्षेत्रों के आवेदकों का परीक्षा केंद्र तो बेंगलुरु कर दिया गया है। जब यह परीक्षा ऑनलाइन ही होनी है तो उम्मीदवारों को इतनी दूर भेजने की क्या तुक है? ऐसे में अगर दूरदराज परीक्षा के लिए छात्रों को जाना होगा तो वहां तक न सिर्फ उसे मोटा किराया खर्च करना होगा, बल्कि वहां जाकर होटल में ठहरने की व्यवस्था भी करनी होगी। उस पर भी इसकी गाइरेंटी कौन लेगा कि ट्रेनें अपने तय वक्त पर पहुंचेगी भी या नहीं, यह भी तय नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में रेलमंत्रालय को कदम उठाने चाहिए।

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