बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही अभी समय हो लेकिन वहां की सियासत में अभी से ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील मोदी के कांग्रेस को लेकर दिए गए बयान के बाद अब कांग्रेसी नेताओं ने उनपर पलटवार शुरू कर दिए हैं. बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने सुशील मोदी को जवाब देते हुए कहा कि अगर भाजपा को पिछड़ों और अति पिछड़ों की इतनी ही चिंता है तो वो ये बताएं कि राज्यसभा में कितने अति पिछड़ों को भेजा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर टिप्पणी करने से पहले भाजपा अपने गिरेबां में झांके और बताए कि कितने अति पिछड़ों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी. बिहार से कितने अति पिछड़ों को लोकसभा और राज्यसभा भेजा. ललन कुमार ने सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की पंचायतों और निकायों में अति पिछड़ों को मिलने वाले 20 प्रतिशत आरक्षण को 35 से 40 फीसदी बढ़ाने की बात मीडिया में तो की जाती है मगर इसे लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता. कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती है. उसने पिछड़ों और दलितों को सिर्फ ठगने का काम किया है. भाजपा कभी ये नहीं चाहती कि कोई पिछड़ा आगे बढ़े. कांग्रेस नेता ने कहा कि सुशील मोदी को ये भी बताना चाहिए कि भाजपा ने मंडल कमीशन लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार से समर्थन क्यों वापस लिया. बता दें कि भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा था कि कांग्रेस और राजद और कांग्रेस ने हमेशा ही पिछड़ों और अति पिछड़ों को धोखा देने, उनको प्रताड़ित करने और उनकी जमीनें हड़पने का काम किया है. अब उनके इसी बयान को लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मच गया है. कांग्रेस और राजद भाजपा को आईना दिखाने में जुट गए हैं.