जनपथ न्यूज़ :-  जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के अब तक 44 जवान शहीद हो चुके हैं।  जो देश के विभिन्न राज्यों के रहने वाले थे।देश की सुरक्षा के लिए अपनी जानों की बलि देने 44 जवानों में बिहार के भी दो लाल शामिल है।
बिहार के शहीद होने वाले 2 जवानों में पटना के तारेगना निवासी हेड कांस्टेबल संजय कुमार सिन्हा और भागलपुर के कहलगांव निवासी रतन कुमार ठाकुर शामिल हैं।भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर  का परिवार मूल रूप से कहलगांव के आमंडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाला है।
हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत देश की सेवा कर रहे संजय की शहादत की खबर मिलते ही पूरे परिवार में मातम पसर गया। संजय के पिता महेंद्र प्रसाद सीआरपीएफ की 176वीं बटालियन में तैनात थे।
संजय एक महीने की छुट्टी के बाद आठ फरवरी को ड्यूटी के लिए रवना हुए थे। अभी वे कैंप भी नहीं पुहंचे थे कि रास्ते में ही आतंकवादी हमले में शहीद हो गए। घर से जाते वक्त उन्होंने पत्नी बबीता देवी से कहा था कि 15 दिन बाद छुट्टी लेकर वे घर आ जाएंगे। घरवालों से संजय ने कहा था कि इस बार छुट्टी में वे बड़ी बेटी रूबी की शादी की बात पक्की कर ही ड्यूटी पर लौटेंगे। छोटी बेटी टुन्नी ने भीग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली है।  बेटा सोनू राजस्थान के कोटा में रहकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी करता है।
संजय के छोटे भाई शंकर सिंह भी सीआरपीएफ में हैं। वह नालंदा में पदस्थापित हैं। लेकिन उनका परिवार मसौढ़ी कोर्ट के पास नए मकान में रहता है। संजय के परिवार के साथ ही उनके माता-पिता रहते हैं। संजय मिलनसार स्वभाव के थे। सबकी मदद के लिए खड़े रहते थे। सबसे पहले नालंदा के परवलपुर में रहने वाले उनके बहनोई कोसंजय के शहीदहोने की खबर मिली। इसके बाद गांव मेंमातम पसर गया।

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