
एसीटीएफ की डीजिटल मुहिम चलो घर चलें रही काफी असरदार
नई दिल्ली। लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए एंटी कोरोना टॉस्क फोर्स की ओर से शुरू की गई डीजिटल मुहिम चलो घर चलें अभियान का ही असर है कि लोग अपने घरों तक पहुंच सके हैं। इस मुहिम की शुरुआत करते हुए देश के जाने माने राजनीतिक रणनीतिकार व एसीटीएफ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. कृष्ण कुमार झा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों, पर्यटकों व छात्र-छात्राओं की परेशानी से अवगत कराया था और उन्हें अपने अपने राज्यों में भेजने की व्यवस्था करने का आग्रह किया था।
एसीटीएफ ने इस संबंध में क्रमशः 19, 24 और 26 अप्रैल एवं 12,14,17 मई को पत्रांक संख्या 432, 621 और 654, आरएल 84,92,97 में अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों, पर्यटकों व छात्र-छात्राओं की परेशानियों को रेखांकित करते हुए भारत सरकार को कुल छह पत्र लिखा था। जिस पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में गृहमंत्री अमित शाह ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापस लाने के लिए सभी राज्य सरकारों को छूट दे दी थी।
सरकार के इस फैसले से लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में फंसे हजारों मजदूर, सैलानी और छात्र-छात्राएं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार व झारखंड में अपने गंतव्य तक जा सके हैं। बाकी बचे लोगों के लिए भी रेलवे की ओर से लगातार श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं। एक सवाल के जवाब में डॉ. कृष्ण कुमार ने कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा एवं उत्तरप्रदेश सरकार के द्वारा बीजेपी और कांग्रेस के उस आरोप को बिल्कुल निराधार बताया एसीटीएफ संयोजक ने कहा कि यह वक्त सियासत करने का नहीं बल्कि लोगों की मदद करने का है।
गौरतलब है कि एसीटीएफ प्रवासियों की मुश्किलें आसान करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का काम भी कर रही है। इसके लिए एक ऑनलाइन फार्म भरना होता है। इन फार्मों की जांच करने के बाद इन्हें विभिन्न राज्य सरकारों के पास भेजा जा रहा है।उन्होंने रेलवे मंत्रालय और माननीय रेलवे मंत्री श्री पीयूष गोयल के इस फैसले का स्वागत किया और देश में जारी कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे जो 1 जून से 200 ट्रेनों को चलाने का फैसला किया है. रेलवे ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. रेलवे ने ट्वीट कर कहा कि, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अतिरिक्त भारतीय रेल 1 जून से प्रतिदिन 200 अतिरिक्त टाइम टेबल ट्रेनें चलाने जा रहा है जो कि गैर वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी की ट्रेन होंगी एवं इन ट्रेनों की बुकिंग ऑनलाइन ही उपलब्ध होगी. ट्रेनों की सूचना जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी.इससे राज्य सरकारों को यह तय करने में आसानी हो जायेगी कि कितनी ट्रेनों की आवश्यकता है। कृष्ण कुमार ने बताया कि ट्रेनें जिस स्टेशन से चलेंगी और जहां तक इनका रूट तय किया गया है उनके बीच पड़ने वाले स्टेशनों में ये कहीं नहीं रुकेंगी और इनमें सवार यात्री को वहां की राज्य सरकारें 14 से 21 दिन तक क्वारंटाइन में रखेंगी क्योंकि इन यात्रियों में से अगर कोई भी कोरोना संक्रमित निकला तो वह बड़ा खतरा बन सकता है।
और उसके लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की सरकार खुलकर मदद लेगी और उन्होंने कहा कि इसमें हमारी सामाजिक संस्था एवं पदाधिकारी और कार्यकर्ता की अहम भूमिका होगी.
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