*प्रशांत किशोर ने बतायी सारी योजना*

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
21 अक्टूबर 2022
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भागलपुर/पटना : क्या नीतीश कुमार ने सचमुच भाजपा के साथ फिर से दोस्ती का रास्ता खुला रखा है… क्योंकि नीतीश कुमार के बेहद करीबी रह चुके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ऐसा ही कुछ दावा कर रहे हैं ? प्रशांत किशोर ने दावा करते हुए हमारे जनपथ न्यूज पोर्टल से कहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं। भाजपा के साथ जाने के लिए नीतीश कुमार ने रास्ता खुला छोड़ रखा है। उन्होंने अपने एक खास नेता को इस काम के लिए रिजर्व रखा हुआ है। हालांकि, जदयू ने प्रशांत किशोर के इस दावे को 100% गलत और मनगढ़न्त बताया है।

आखिर क्या है नीतीश की योजना : विदित हो कि प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज पदयात्रा पर निकले हुए हैं। इस दौरान प्रशांत ने हमारे साथ बात करते हुए कहा कि नीतीश फिर से पलटी मार जायें और भाजपा के साथ चले जायें तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने करीबी सांसद और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के जरिये भाजपा के साथ फिर से संवाद कायम का रास्ता खुला रखा हुआ है। जरूरत पड़ने पर नीतीश कुमार हरिवंश के जरिये ही भाजपा से संपर्क साधेंगे और फिर पलटी मार जाएंगे।

आखिर क्यों नहीं हरिवंश ने दिया इस्तीफा : प्रशांत किशोर ने कहा कि जो लोग ये सोंच रहे हैं कि नीतीश कुमार पूरे देश में भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने निकले हैं, वे ये जान कर हैरान रह जायेंगे कि नीतीश ने भाजपा के साथ फिर से जाने का रास्ता भी खुला छोड़ रखा है। अपनी पार्टी के सांसद हरिवंश के जरिये वे भाजपा के संपर्क में अभी भी हैं। प्रशांत किशोर ने सवाल करते हुए पूछा है कि भाजपा के सहयोग से राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने आखिरकार क्यों नहीं उप सभापति पद से इस्तीफा दिया है। अगर नीतीश कुमार भाजपा के इतने बड़े कट्टर दुश्मन बन चुके हैं तो उन्होंने क्यों नहीं अपनी पार्टी के सांसद हरिवंश को कहा कि वे उस पद को छोड़ दें, जो उन्हें भाजपा की कृपा से मिला हुआ है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि हरिवंश सिर्फ इस बात के लिए बचाकर रखे गये हैं कि जब जरूरत पड़े तो वे मध्यस्थता कर नीतीश की दोस्ती फिर भाजपा से करा दें। भाजपा के साथ जाने के लिए नीतीश फिर कोई नया बहाना ढूंढ़ लेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के पुराने इतिहास को देखते हुए लोगों को ये ध्यान रखना चाहिये कि वे फिर से कभी भी और किसी भी समय पलटी मार कर भाजपा के साथ जा सकते हैं।

हरिवंश का टिप्पणी से इंकार : प्रशांत किशोर के इस दावे के बाद जब हमने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश से उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की, तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। लेकिन हरिवंश नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। पत्रकार से नेता बने हरिवंश को नीतीश कुमार ने दूसरी बार राज्यसभा का सांसद बनाकर भेज रखा है। नीतीश के पलटी मार कर राजद के साथ जाने के बाद हरिवंश सार्वजनिक तौर पर पार्टी से दूरी बना कर रखते दिख रहे हैं, लेकिन वे नीतीश कुमार से लगातार संपर्क में हैं।

जदयू ने बताया भ्रम फैलाने की कोशिश : उधर जदयू ने प्रशांत किशोर के दावे को भ्रम फैलाने की कोशिश करार दिया है। जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर ये एलान कर दिया है कि वे जीवन में फिर कभी भाजपा से हाथ नहीं मिलायेंगे। त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 50 सालों से राजनीति में हैं, जबकि प्रशांत किशोर सिर्फ 6 महीने से राजनीति के मैदान में उतरे हैं। वे लोगों के बीच भ्रम फैलाने के लिए इस तरह की बात कर रहे हैं।
लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि प्रशांत किशोर का दावा अगर सच साबित हो जाये तो फिर हैरानी महज इसलिए नहीं होना चाहिये कि नीतीश कुमार का पिछला इतिहास भी इसकी गवाही देता है। 2013 में जब वे भाजपा से अलग हुए थे तो विधानसभा में उन्होंने सरेआम कहा था कि मिट्टी में मिल जायेंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं फिर नहीं आएंगे। लेकिन 2017 में फिर से भाजपा के साथ चले गये। इस दफे जब वे भाजपा का साथ छोड़ कर राजद के साथ गये हैं तो फिर से एलान कर रहे हैं कि जिंदगी भर भाजपा के साथ नहीं जायेंगे। ये किसे मालूम है कि नीतीश का ये दावा सच ही साबित होगा…?

बहरहाल, माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इतिहास देखने व समझने के बाद ये स्पष्ट होता है कि उन्हें अधिक समय तक एक तरफा सोने की आदत नहीं है, इसलिए वक्त-बेवक्त मौके की नजाकत भांपते हुए पलटी मारते रहते हैं, ये बात अलग है कि पलटी मारने के वक्त का अंताजा उनके बेहद करीबीयों को भी नहीं रहता है।

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