जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
14 सितंबर 2022
भागलपुर/पटना: नीतीश कैबिनेट में कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री की महागठबंधन सरकार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। उन्होंने आज मीडिया से वार्ता में अपने उस बयान पर डटे रहने की बात कही है, जिसमें उन्होंने खुद को ‘चोरों का सरदार’ कहा था। मंत्री ने यह बयान दिया तो था अपने विभाग के अफसरों और कर्मियों के रवैये पर लेकिन उल्टे इसने नीतीश सरकार की विश्वसनीयता को ही दांव पर लगा दी है। भाजपा ने पूछा कि जब उनके मंत्री चोरों के सरदार हैं तो, मुख्यमंत्री खुद क्या हैं.?
*अपने बयान पर डटे बिहार के कृषि मंत्री*
चोरों के सरदार वाले बयान पर मंत्री ने कहा कि अब तक किसी नेता और ऑफिसर ने उनसे इस बयान को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। वे अपने बयान पर आज भी कायम हैं और यह सही बयान है लेकिन, विपक्ष ने मंत्री के इस बयान को हाथों हाथ ले लिया और नीतीश तथा उनके मंत्रियों के भ्रष्टाचार की इसे स्वीकारोक्ति करार दिया।
*मंत्री चोरों का सरदार तो नीतीश खुद क्या हैं*
विपक्षी भाजपा ने तो यहां तक कह दिया कि जिस सीएम का मंत्री खुद को चोरों का सरदार मान रहा है, तो फिर मुख्यमंत्री खुद क्या हैं? वह भी तब जब वे देश का प्रधानमंत्री बनने की लालसा पाल रहे हैं। मालूम हो कि कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने विभाग के ऑफिसरों और कर्मचारियों पर कहा था कि नकली रिपोर्ट पेश करने का काम अधिकारी औ कर्मचारी करते हैंं। ऐसे में सभी की जांच होगी और इस पर अब कार्रवाई होगी।