जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
13 मार्च 2023

पिछले कुछ दिनो से लगातार बिहार के उज्जवल भविष्य तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके परिवार पर तानाशाह सरकारी एंजेसियो का दुरूपयोग कर रेड कराया जा रहा है और बाहर में कुछ लंपट मीडिया अपने आका के दिशा-निर्देशों पर नंगा-नाच कर रही है। आखिर होली है, घर में एक गर्भवती महिला है, बीमार पिता हैं और बहनें हैं, फिर ये जुल्म क्यों और किसलिए..??
आप सोच ही रहे होंगे कि ये जुल्म क्यों और किसलिए हो रहा है…?
चलिए हम बताते है कि जिस समाजिक न्याय की लड़ाई लालू प्रसाद यादव लड़कर दबे-कुचलों को आगे लाए,उसी लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए तेजस्वी प्रसाद यादव आर्थिक न्याय देना चाहते हैं और उसके लिए उन्होंने सड़क से लेकर सदन तक “जातिगत जनगणना” की लड़ाई लड़ी। लंबे संघर्ष के बाद बिहार सरकार अब बिहार में “जातिगत जनगणना” करा रही है।आर्थिक न्याय के तरफ उनका पहला कदम है। इससे पता चल जाएगा कि कौन से तबके के लोग गरीब हैं।पिछड़े-दलित व गरीब की आबादी कितनी है। उसके हिसाब से सरकार उनका विकास करेगी। जातिगत जनगणना से सबकी संख्या का पता चलेगा और आनेवाले दिनों में संख्यां के हिसाब से आरक्षण में हिस्सेदारी बढ़ानी पड़ेगी।सबकुछ सही चले तो आरक्षण का स्लैब भी बढ़ेगा।

*मनुस्मृती मानने वाले और माफिवीर क्या चाहते है..??*

1-मोची को फिर से जुते सिलते देखना चाहते हैं,
2-बढ़ई को केवल लकड़ी का काम करते देखना चाहते हैं,
3-निषाद को फिर से मछली पकड़ते देखना चाहते हैं,
4-धानुक-मंडल को धुनाई का काम करते देखना चाहते हैं,
5-कुशवाहा को सब्जी बेचते देखना चाहते हैं,
6- कसेरी-ठठेरी को फिर से बर्तन बनाते और उसे माथे पर ले घूम-घूमकर बेचते देखना चाहते हैं,
7-नाविको को नाव चलाते देखना चाहते हैं,
8-पान को पनेरी बने देखना चाहते है,
9-दलित-गरीबों को श्रमिक बने रहना चाहते है,
10-चरवाहों को हमेशा गाय चराते देखना चाहते हैं,
11-भेड़ीयारों को भेड़ चराते देखना चाहते है,
12-पिछड़े-दलित-गरीब को चारपाई से निचे बैठे देखना चाहते हैं,
13-शुद्रों को मंदिर जाने से रोकना चाहते हैं,14-महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखना चाहते हैं
15-गरीबों को जंमिदारों के पैरों के नीचे धुल चाटते देखना चाहते हैं,
16-निचले तबके को और नीचे रखना चाहते हैं,
17-लेटरल इन्ट्री के माध्यम से आरक्षण खत्म करना चाहते हैं
18-संविधान को खत्म कर मनुवाद लाना चाहते हैं,
19-10 का राज 90 पर कैसे चलेगा, इसे सुनिश्चित करना चाहते हैं,
20-छोटों का राज खत्म करके बड़ों का राज लाना चाहते हैं।

बस यही काम लालू प्रसाद प्रसाद यादव के बाद उनके पुत्र तेजस्वी यादव नही होने दे रहे हैं,बस इसी की लड़ाई है। पाठकगणों!
ये उनकी खुद की लड़ाई नहीं बल्की हमारे-आपके हक और बाबा साहब के बनाए हुए संविधान को सुरक्षित रखने की किमत चुका रहे हैं और आगे भी चुकाते रहेंगे।

मगर आपके आशीर्वाद और विश्वास को अपना साहस मानकर तेजस्वी यादव कभी भी इन सामंतवादियों के सामने घुटने नही टेकेंगे,ऐसा हमारा विश्वास है। यह 10 बनाम 90 की लड़ाई है।आपके हितों को सुरक्षित रखने की लड़ाई है।बाबा गोलवलकर की किताब वंच-ऑफ-थट्श को मानने वाले लोगों की मनसा कभी पुरी नही हो सकती है,ये मेरा मानना है। तेजस्वी यादव हमारे और आपके लिए हमेशा संघर्ष करते रहेंगे।हमे भी उनका साथ ऐसे ही देते रहना होगा।बहुजन को इनकी मंशा समझनी होगी।सड़क से लेकर सदन तक उनके संघर्षो मे अपना भी संघर्ष शामिल करना होगा।आनेवाले दिनों में संघर्ष सबको मुबारक।हम तो कलम के सिपाही हैं, इसी तरह सच्चाई को सामने लाकर कलम के जरिए संघर्ष करते रहेंगे।आपको मनुस्मृति और आर्थिक न्याय में किसी एक को चुनना होगा। अंत में यही कहना चाहूंगा कि…तप-तपकर खड़े है,एक अकेले माफिवीरों से लड़े हैं,तुम लाख बनाओ बेड़ियां,हमारे हौंसले तेरी जंजिरो से बड़े हैं।

Loading