जनपथ न्यूज डेस्क
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना
14 जनवरी 2023

बिहार की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले लोकप्रिय समाजवादी नेता शरद यादव ने गुरुवार की रात 75 साल की आयु में गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। शरद यादव के निधन के बाद बिहार की राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर फैल गई है।

शरद यादव छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में पहचान बनाने वाले समाजवादी विचारधारा के मध्य प्रदेश के रहने वाले और यादव जाति के थे। डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर सक्रिय युवा नेता के तौर पर कई आंदोलन में हिस्सा लिया था।

शरद यादव 1974 में राजनीति में शामिल हुए थे और जबलपुर की राजनीति में सक्रिय रहकर बिहार पहुँच कर राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाया था। शरद यादव 1989 में “मंडल आयोग” की राजनीति में प्रमुख चेहरा बनकर उभरे थे। बिहार के मधेपुरा से चार बार सांसद बने थे और दो बार जबलपुर से सांसद चुने गये थे। शरद यादव 90 की दशक में लालू प्रसाद को बिहार के मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। वे 2003 से 2016 तक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) गठन के समय से पार्टी अध्यक्ष थे।

शरद यादव के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई राजनेताओं ने दुख जताया है। शरद यादव के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए कहा कि शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ। मैं हमेशा उनसे हुई हमारी बातचीत और यादों को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि शरद यादव से उनका बहुत गहरा लगाव था। वह महान समाजवादी नेता थे। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मैं मर्माहत हूं। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र की अपूरणीय क्षति है।

वहीं, राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सिंगापुर से वीडियो के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर शोक संदेश जारी कर कहा कि बड़े भाई शरद यादव जी के निधन के खबर सुनकर काफी विचलित हुआ हूं, दुखी हूं और काफी आघात लगा है। शरद यादव, मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार और बहुत सारे नेता सब लोग डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, जननायक कर्पूरी ठाकुर के सानिध्य में राजनीति करते आ रहे हैं। आज एकाएक खबर मिला, मैं सिंगापुर में हूं कि वे हमलोगों के बीच में नहीं रहे। वे एक महान समाजवादी नेता थे, स्पष्टवादी थे। शरद जी और मैं कभी कभी लड़ भी जाता था, बोलने के मामले में विचारों को रखने के मामले में, लड़ाई का कोई कटु बात नहीं रहता था। लाखों लाख मित्रों को छोड़कर, वे हम लोगों को छोड़कर कैसे उठ गए, भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति दें, शोक संतप्त परिवार को शक्ति दे।

Loading

You missed