जनपथ न्यूज डेस्क/पटना
3 सितंबर 2023

*न्याय के लिए अधिकारियों से लेकर न्यालय तक सालों से चक्कर लगा रही पीड़िता*

*माननीय उच्च न्यायालय पटना के आदेश पर नगर थाना कांड संख्या ~775/2022 धारा 341,323,376,493,34,भा.द.वी के तहत मामला दर्ज*

बिहार के औरंगाबाद जिले से एक हाई प्रोफाइल शारीरिक शोषण संबंधित मामला प्रकाश में आया है। जहां लोगों को न्याय देने वाले न्यायाधीश (जज) ही हवस का पुजारी निकला। हवस का पुजारी कोई आम आदमी नहीं, कोई अपराधी छवि का नहीं बल्कि न्यायकर्ता के रूप में औरंगाबाद में पदस्थापित (एसीजेएम) पद पर आसीन है जिसका नाम मनीष कुमार पांडे है। बताते चले कि हवस के पुजारी मनीष पांडे एसीजेएम औरंगाबाद पर पटना निवासी पीड़िता संगीता सिंह (काल्पनिक नाम) ने शादी के झांसे में रखकर 2 साल तक शारीरिक और मानसिक शोषण करने संबंधित मामला माननीय उच्च न्यायालय पटना में दायर की थी। जिसके आलोक में न्यायालय के निर्देशानुसार पीड़िता संगीता सिंह के बयान पर औरंगाबाद नगर थाना ने कांड संख्या~ 775 /2023 धारा 341 ,323 ,376,493,34, भा .द . वी. के मामला दर्ज किया है। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद द्वारा जहां इस कांड में अभियुक्त एसीजेएम मनीष पांडे की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। वहीं, एसीजेएम मनीष कुमार पांडेय को माननीय उच्च न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिली क्योंकि उच्च न्यायलय ने एसीजेएम मनीष कुमार पांडेय को कोई राहत ना देते हुए न्यायाधीश प्रभात कुमार सिंह की बेंच ने मिसलेनियस केस नंबर 31015|2023 के तहत 28 अगस्त 2023 को बड़ा फैसला देते हुए मनीष कुमार पांडे कि जमानत याचिका खारिज कर दिया है।

आपको बता दे कि इस केस के अनुसंधानकर्ता सरस्वती कुमारी ने बताया कि आरोपी फरार हैं और इनके विरुद्ध लगातार छापेमारी की जा रही है और सरस्वती कुमारी ने बताया कि जैसा न्यायालय का आदेश होगा उसके अनुसार ही आगे भी विधि संवत करवाई की जाएगी।

पीड़िता संगीता सिंह (काल्पनिक नाम) ने मीडिया के समक्ष बताया कि पहले मनीष पांडे जमुई जिला में पदस्थापित थे जहां एसीजेएम मनीष पांडे से पीड़िता की मुलाकात नौकरी लगवाने के नाम पर हुई और एसीजेएम मनीष पांडे ने हमसे यानी पीड़िता संगीता कुमारी (काल्पनिक नाम) से मोटी रकम ली। इसके बाद नौकरी की बात करने के क्रम में मनीष पांडे से अक्सर मेरी मुलाकात हुआ करती थी। हमेशा मुलाकात होने के क्रम में ही मनीष पांडे ने हमें शादी का झांसा देकर हमारे साथ शारीरिक शोषण के साथ साथ मानसिक शोषण भी किया। पीड़िता ने बताया कि मैं एक दंत चिकित्सक थी, एसीजेएम मनीष पांडे ने मुझसे एक क्लीनिक जमुई में खुलवाया और हमारी आर्थिक शोषण के साथ शारीरिक और मानसिक शौषण करते रहा।

पीड़िता ने मीडिया के समक्ष ये भी बताया की मनीष पांडे अपने दोस्तों में मेरी पहचान कथित तौर पर पत्नी के रूप में करता था। जमुई के बाद मनीष पांडे की पोस्टिंग औरंगाबाद एसीजेएम के रुप में की गई। जमुई से औरंगाबाद पोस्टिंग होने के बाद एसीजेएम मनीष पांडे ने मुझे शादी और नौकरी का झांसा देकर यह कहने लगे कि तुम मेरे साथ औरंगाबाद चलो वहा तुमसे शादी करेंगे और बहुत अच्छे जगह नौकरी भी दिलवाएंगे और मुझे अपने साथ जमुई से औरंगाबाद ले आया।

बता दे कि औरंगाबाद में मनीष पांडे के साथ उनके माता पिता भी रह रहे थे। एसीजेएम मनीष पांडे के साथ जमुई से औरंगाबाद आने के बाद मैं भी मनीष पांडे और उनके माता पिता के साथ रहने लगी। मनीष पांडे के साथ मेरा रहना और हमे शादी का झांसा देने की जानकारी मनीष पांडे के पिता माता को भी थी लेकिन इससे उन्हें भी कोई एतराज नहीं था।

पीड़िता ने बताया कि एक साल के बाद अचानक मनीष के पिता मां और एक महिला दो बच्चों के साथ खड़ी हो गई। इन्हे देखकर जब मैने मैने मनीष पांडे और इनके माता पिता से पूछा कि यह औरत कौन है तब मनीष पांडे के माता-पिता ने बताया कि यह मनीष की पत्नी है। इसी बातचीत के क्रम में मनीष पांडे के पिता माता सहित मनीष पांडे ने मेरे साथ मारपीट की। इस घटना के बाद मैं यानी पीड़िता लगातार अधिकारी से लेकर न्यायालय तक न्याय की गुहार लगाती रही लेकिन मनीष पांडे के ऊंचे रसूख के कारण मुझे कहीं न्याय मिलने की उम्मीद नहीं दिखी।

मनीष पांडे के ऊंचे रसूख की वजह से न्याय नहीं मिलने के उम्मीद के बाद मैने इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय को एक आवेदन (पिटीशन) दिया था। आठ माह न्यायालय के आदेश के अनुसार नगर थाना में मेरे बयान पर प्राथमिक की दर्ज की गई।

जिसमें 29 अगस्त 2023 को उच्च न्यायलय द्वारा आरोपित मनीष पांडे की जमानत याचिका खारिज करने के बाद मुझे न्यायालय से सही न्याय की उम्मीद जगी है। बताते चले कि पीड़िता संगीता कुमारी (काल्पनिक नाम) ने मीडिया के समक्ष बताया कि मनीष पांडे की और से लागातार मुझे एवं मेरे परिवार को अज्ञात मुकदमे में फसाने की लगातार धमकी दी जा रही है लेकिन मैं किसी की धमकियों से डरने वाली नहीं हूं। मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है और एक न एक दिन मुझे न्याय जरूर मिलेगा और ये न्याय और किसी भी महिला के अस्मत से खेलने वाले के लिए एक बड़ा सबक भी बनेगा।

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