पटना में दस स्थानों पर बनेंगे आइपीटी स्टैंड
पटना: पटना की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 10 जगहों पर इंटरमीडियेट पब्लिक ट्रांसपोर्ट यानिआईपीटी स्टैंड निर्माण का काम शुरू हो चुका है। मिशन के अंतर्गत कुल 10 स्थलों पर आईपीटी स्टैंड अगस्त महीने तक तैयार कर लिए जाएंगे।
आइए आपको बताते है ये आइपीटी स्टैंड क्या है..
ऑटो, रिक्शा, ई-रिक्शा, वैन, मिनी बस, सिटी बस आदि मध्यवर्ती सार्वजनिक परिवहन यानि आईपीटी की श्रेणी में आते हैं। शहर के एक हिस्से को दूसरे हिस्से से जोडऩे वाले अथवा शहर के एक हिस्से को परिवहन के मुख्य साधन जैसे रेलवे, बस, जहाज, हवाई जहाज, मेट्रो आदि से जोडऩे वाले वाहन मध्यवर्ती सार्वजनिक परिवहन आईपीटी कहे जाते हैं।
अक्सर इन वाहन के चालकों द्वारा सड़क पर जहां मन करता है वहीं वाहन रोक कर यात्रियों को सवार किया जाता है और उतारा जाता है। इस तरह सड़क पर यातायात व्यवस्था बाधित होती है और दुर्घटना की स्थिति भी बनी रहती है। इसलिए इन वाहनों के लिए सड़क पर एक तय स्थान सुनिश्चित करना अच्छा होता है। इसी उद्देश्य से पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पूर्व निर्धारित एबीडी में कुल 10 स्थलों पर आईपीटी स्टैंड का निर्माण किया जा रहा है।
आइए आपको बताते है उन जगहों का नाम जहां आइपीटी स्टैंड बनाए जा रहे है::
जीपीओ गोलंबर (आर-ब्लाक ब्रिज के नीचे), चिरैयाटांड ब्रिज (पिलर संख्या 43 के पास), बिहार इंटरमीडियेट काउंसिल-1, बिहार इंटरमीडियेट काउंसिल-2, तारामंडल, गार्डिनर अस्पताल (वीरचंद रोड पर), बांस घाट, डीएम आवास (पीर अली पार्क के पास),गांधी मैदान गेट संख्या 5 और जमाल रोड (पिलर संख्या 22 के पास)।
आईपीटी स्टैंड निर्माण कार्य पूरा होते ही ऑटो-रिक्शा चालकों द्वारा यहां-वहां वाहन रोक कर सवारी बैठाने-उतारने की हरकत पर लगाम लगेगा। जिन सड़कों पर आईपीटी स्टैंड होंगे, कम से कम उन सड़कों पर चलने वाले राहगीरों को सहूलियत होगी। साथ ही अन्य वाहनों का भी सुगम परिचालन सुनिश्चित होगा। परियोजना पूरा होने पर ऑटो, ई-रिक्शा, सिटी बस आदि का इंतजार करते वक्तआम जन को शेड एवं बैठने की सुविधा भी मिलेगी।
पटना स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत बन रहे आईपीटी स्टैंड पर स्टेनलेस स्टील के डस्टबिन, सार्वजनिक बस के आवागमन से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए विशेष डिसप्ले बोर्ड, विज्ञापन के लिए एलईडी स्क्रीन आदि होंगे, साथ ही भविष्य में वाई-फाई और सीसीटीवी कैमरों के अधिष्ठान का भी प्रावधान होगा। इस परियोजना को मेसर्स सर्वेश्वर कुमार ओझा द्वारा करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जा रहा है।