सुशासन राज में भ्रष्टाचार ! बड़े पद वाले एक ‘नौकरशाह’ के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत

करोड़ों रू दूसरे राज्यों में शिफ्ट किया जा रहा…सरकार जांच कराये
जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
14 मार्च 2023
भागलपुर/पटना : बिहार के सुशासन राज में चहुंओर भ्रष्टाचार का बोलबाला कायम है। नीचे से लेकर ऊपर तक बड़ी संख्या में छोटे-बड़े सरकारी सेवक हैं, जो वसूली के धंधे में लगे हुए हैं। अगर पोस्टिंग मालदार विभाग में है, तब तो बल्ले-बल्ले ही हैं। आज हम एक बड़े नौकरशाह के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के पास जो शिकायत की गई है, उसकी चर्चा करेंगे। विभाग में मालदार पोस्ट पर तैनात नौकरशाह के खिलाफ जनवरी महीने में ही शिकायत की गई थी। सरकार से जो शिकायत की गई है, उसमें विभाग के छोटे अधिकारियों से हर साल करोड़ों रू की अवैध उगाही और रिश्वत के पैसे को पड़ोसी राज्य में शिफ्ट करने की चर्चा है। अब वो शिकायत वाला पत्र उनके ही विभाग के अंदर वायरल हो रहा है। खबर यह है कि विभाग के लोगों ने ही हाकिम के भ्रष्टाचार का पिटारा सार्वजनिक कर दिया है।
*बदनामी का दाग*: हम आज एक बड़े ऑफिसर की चर्चा कर रहे हैं। वो ऑफिसर लंबे समय यानि सरकार द्वारा तय पदस्थापन अवधि से भी काफी अधिक समय से उसी जगह पर तैनात हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिस जगह पर वो तैनात हैं, वह मलाईदार है। हर महीने न केवल वहां लक्ष्मी की कृपा बरसती है बल्कि यहां कृपा बरसाने वालों की कतार लगी रहती है । लक्ष्मी जिलों से निकलकर राज्य मुख्यालय तक पहुंचती है, फिर थैली से निकलकर नौकरशाह पर बरसने लगती है। सालों से सब कुछ ठीक-ठाक ही चल रहा था। सेटिंग की बदौलत जबरदस्त काम हो रहा था। अचानक जनवरी 2023 में थैली में नजर लग गई । वैसे थैली के चक्कर में एक झटका 2022 में भी लगा था। तब काफी फजीहत हुई थी और सरकार के फटकार के बाद नौकरशाह को अपना आदेश बदलना पड़ा था।
*थैली के चक्कर में हुए बदनाम*: हम आपको बता रहे है कि वो नौकरशाह बदनाम विभाग में बड़ी कुर्सी पर तैनात हैं।वैसे उस विभाग की बदनामी भी कम नहीं है। इस विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर हर दफे सवाल उठता रहा है। उस ऑफिसर की नौकरशाही बिरादरी में भी बदनाम की छवि हो गई है। भ्रष्टाचार को लेकर शिकायती पत्र की जानकारी कई और बड़े ऑफिसरों को भी है। वैसे अपने खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत सरकार तक पहुंचने की खबर उक्त नौकरशाह को भी है। लिहाजा पर्यवेक्षकीय संवर्ग की मीटिंग के दौरान टेंशन साफ-साफ दिखता है। उन्हें लग रहा कि क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया हुई है। निलंबित सरकारी सेवकों ने ही हमारी पोल खोली है।
*जनवरी माह में ही सरकार से की गई है शिकायत*: जनवरी 2023 में इस बड़े नौकरशाह के खिलाफ दनादन कंप्लेन गिरने लगा था। चूंकि पद व कद बड़ा है, लिहाजा सरकार के पास भ्रष्टाचार की शिकायत की गई। जनवरी महीने में ही लगातार 2 शिकायती पत्र दिए गए थे। शिकायती पत्र को न सिर्फ सरकार को बल्कि केंद्र सरकार, निगरानी विभाग,ईओयू और विभाग के मंत्री-सचिव को भी दिया गया था। एक शिकायती पत्र में तो बजाप्ता यह भी उल्लेख है कि निगरानी जांच ब्यूरो को सबूत से संबधित शपथ पत्र भी दिया गया है। हालांकि शिकायती पत्र पर जांच शुरू हुई या नहीं यह बताने को कोई तैयार नहीं।
*सरकार निष्पक्ष एजेंसी से कराये जांच*: बड़े ऑफिसर के खिलाफ सरकार को दिए आवेदन में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई है। सरकार के दफ्तर में शिकायती आवेदन को रिसीव किया गया और तारीख-मुहर के साथ दिया रिसीविंग गया। आवेदन के कुछ बातों को यहां पर लिख रहे हैं। आवेदक ने लिखा है कि बिहार के मुखिया नीतीश कुमार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ शुरू से ही सख्त रहे हैं। लोगों के बीच संदेश देने के लिए सरकारी भवनों पर गांधी जी द्वारा कही गई बातों को लिखवाया है। उनका यह भी कथन है कि भ्रष्टाचार करके संपत्ति जमा नहीं करें, क्योंकि कफन में जेब नहीं होती। लेकिन जिन्हें बिहार को संवारने का काम दिया है, उनके द्वारा आम लोगों को चूसकर करोड़ों रू० जमा की जा रही है। आगे लिखा है कि ना सिर्फ पटना बल्कि कई जिलों में भी जहां ये पोस्टेड रहे हैं, वहां भ्रष्टाचार की चर्चा चरम पर रही है। आवेदन में आगे लिखा है कि बिहार से पैसे की वसूली कर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ले जाया जा रहा है। पिछले कई सालों में उन्होंने अपनी अकूत संपत्ति बनाई है। इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। ऐसे में इनकी संपत्ति की जांच सीबीआई या निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए।
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