जनपथ न्यूज़ पटना. बिहार विधान परिषद चुनाव पर भी कोरोना का प्रभाव पड़ना तय है। चुनाव की तारीख बढ़ सकती है। विधान परिषद के 17 सदस्यों का कार्यकाल 6 मई को, जबकि राज्यपाल कोटे के 10 सदस्यों का कार्यकाल 23 मई को समाप्त हो रहा है। राज्यपाल कोटे की दो सीटें पहले से रिक्त हैं। चुनाव 17 सीटों पर होना है। इसके लिए चुनाव की प्रक्रिया इसी माह शुरू होने की संभावना थी। लेकिन, कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव और लॉकडाउन को देखते हुए चुनाव टल सकता है। देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है, लिहाजा 6 मई से पहले चुनाव हो पाना संभव नहीं दिखता है। विधानसभा कोटे की 9 और स्नातक व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के 4-4 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से 4 सदस्य प्रो. नवल किशोर यादव, संजय कुमार सिंह, केदारनाथ पांडे, मदन मोहन झा व स्नातक क्षेत्र से 4 सदस्य-मंत्री नीरज कुमार, देवेश चंद्र ठाकुर, दिलीप कुमार चौधरी और डॉ. एनके यादव मई में ही अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। विधानसभा कोटे से 9 सदस्य- हारूण रशीद, मंत्री अशोक चौधरी, पीके शाही, संजय मयूख, कृष्ण कुमार सिंह, राधामोहन शर्मा, सतीश कुमार, हीरा प्रसाद बिंद व सोनेलाल मेहता और राज्यपाल कोटे से 10 सदस्यों में रणवीर नंदन, शिव प्रसन्न यादव, डॉ. रामवचन राय, विजय मिश्रा, ललन सर्राफ, रामलषन राम रमन, राणा गंगेश्वर सिंह, जावेद इकबाल अंसारी, संजय कुमार सिंह और रामचंद्र भारती शामिल हैं। मनोनयन की 2 सीटें पहले से ही खाली हैं। राजीव रंजन सिंह  उर्फ ललन सिंह और पशुपति कुमार पारस सांसद बनने के बाद इस्तीफा दे चुके हैं।

राज्यसभा चुनाव की तिथि टलने से बढ़ी संभावना

निर्वाचन आयोग के सात राज्यों आंध्रप्रदेश, गुजरात, झारखंड, मध्यप्रदेश, मणिपुर, मेघालय और राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान और मतगणना की तिथि को भी आगे बढ़ाने के बाद यह संभावना है कि बिहार विधान परिषद के चुनाव की तारीख भी बढ़े।

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