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पटना में कोरोना-स्वाइन फ्लू के बाद अब बर्ड फ्लू की भी पुष्टि, लॉकडाउन में तीनों से बचाव

जनपथ न्यूज़ पटना. आफत आती है तो कई विपत्तियां साथ लाती है। मौजूदा माहौल बिल्कुल ऐसा ही है। कोरोना महामारी के साथ ही स्वाइन फ्लू की चपेट में 11 लोग आ चुके हैं और अब बर्ड फ्लू की भी पुष्टि हो गई है। गनीमत है कि लॉकडाउन है। आम दिन होता तो स्थिति और भयावह होती क्योंकि तीन-तीन घातक बीमारियों ने एक साथ संक्रामक रूप अपनाया है। लोगों के घरों में रहने का फायदा है कि इनका फैलाव थमा हुआ है।
स्वाइन फ्लू कोरोना से भी घातक है।
स्वाइन फ्लू कोरोना से भी घातक है। रही बात बर्ड फ्लू की तो पटना के अशोकनगर और नालंदा के कतरीसराय में मुर्गियों में में बर्ड फ्लू की पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद अब इन दोनों स्थानों के आसपास के एक किलोमीटर के दायरे में के सभी मुर्गे-मुर्गियों के साथ बत्तख की कलिंग होगी। उन्हें मिट्टी में दफनाया जाएगा। विशेषज्ञ पशु चिकित्सक सुरक्षित तरीके से मुर्गियों को मार कर 5 से 6 फीट गड्ढे में दफनाएंगे। इसे ब्लीचिंग पाउडर, चूना और सोडियम हाइपो क्लोराइट के डालकर ढकेंगे। साथ ही पूरे एरिया को सेनेटाइज करेंगे।
दूसरे जिलों में बर्ड फ्लू पसरा है कि नहीं, लॉकडाउन के कारण मुर्गी फार्म से जांच के लिए सीरम सैंपल कलेक्ट कर आरडीडीएल कोलकाता और एनआईएचएसएडी भोपाल नहीं जा पा रहा है। पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ.  प्रेम कुमार ने कहा है कि जहां बर्ड फ्लू मामले प्रकाश में आए हैं वहां मुर्गी व बत्तख पालकों को मुआवजा देकर कलिंग होगी। प्रति वयस्क मुर्गी व बत्तख के लिए 90 से 130 रुपए तक मुआवजा दिया जाएगा।
अब तक कोरोना के 1456 संदिग्ध सर्विलांस पर हैं। 162 यात्रियों ने 14 दिनों की अवधि पूरी कर ली है। विभाग ने 7 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव होने की बात स्वीकार किया हैं। इनमें से 3 मुंगेर व 4 पटना के हैं। 1 की मौत हो चुकी है। जबकि तीन लोगों के नमूने को रिजेक्ट कर दिया गया है।

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