इंटरनेशनल डेस्क, रियाद.सऊदी अरब में महिलाओं की ड्राइविंग पर सालों से लगा प्रतिबंध रविवार को हटा लिया गया है। अब महिलाएं आधिकारिक तौर पर सड़कों पर कार चला सकेंगी। पिछले साल सितंबर में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आदेश के बाद सऊदी शासन ने इसका ऐलान किया था। इसी महीने महिलाओं को लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। सऊदी अरब दुनिया का आखिरी देश था, जहां अब तक महिलाओं की ड्राइविंग पर रोक थी।
ड्राइविंग के अधिकार के लिए महिला कार्यकर्ताओं ने उठाई थी आवाज
सऊदी अरब में पिछले कई सालों से महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार देने की मांग उठ रही थी। इसके लिए कई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किए थे। हालांकि, सऊदी शासन ने इन अभियानों को दबाने की कई बार कोशिश की। मानवाधिकार संगठन एम्नेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, इस समय महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले 8 कार्यकर्ताओं पर सऊदी की अदालतों में केस चल रहा है और उन्हें कई साल जेल की सजा दी जा सकती है।
रियाद में 1990 के दौर में कई महिलाओं को ड्राइविंग के लिए गिरफ्तार किया गया था। 2008 और 2011 से 2014 के बीच कई महिलाओं ने सऊदी शासन की नीति के विरोध में गुपचुप तरीके से कार चलाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया था।
विजन 2030 का असर
दरअसल, प्रिंस सलमान अपने विजन 2030 के तहत के तहत सऊदी अरब तेल-गैस और हज यात्रा से होने वाली आमदनी पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। साथ ही वे अर्थव्यवस्था को विविधता देने के लिए अलग-अलग तरह के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर्स को बढ़ावा भी देना चाहते हैं। हाल ही में सऊदी ने देश में महिलाओं को अपनी मर्जी से बिजनेस शुरू करने के अधिकार दिए हैं। इसके अलावा महिलाओं के स्टेडियम में जाने पर लगे प्रतिबंध को भी सऊदी शासन हटा चुका है। माना जा रहा है कि प्रिंस ज्यादा से ज्यादा लोगों को अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाना चाहते हैं। इससे देश की उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होगी। हालांकि, देश के कई कट्टरपंथी संगठनों ने प्रिंस के इन कदमों की आलोचना भी की है।

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