जनपथ न्यूज़ देश के जाने-माने अधिवक्ता और इंटीग्रिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स के नेशनल सेक्रेटरी श्री चिरजीत कुमार शर्मा ने आज एक कार्यक्रम में अपने अभिभाषण मे बताया कि सरकार की नोटबंदी अपने मूल उद्देश्य में सफल रही है और इसमें बेहिसाब अर्थव्यवस्था(शेडो इकानामी) में भारी कमी आई है। नोटबदी का मूल उद्देश्य था देश में से बेहिसाब अर्थव्यवस्था को समाप्त करना जिसमें नोटबंदी एक सफल उपाय साबित हुआ उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन के आंकड़े,भीम एप, यूं पी आई,के आंकड़ों को देखते हुए हम बहुत तेजी से औपचारिक व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं ।
नेशनल सेक्रेटरी ने कहा कि जब नोटबंदी हुई थी उस समय इस देश में शेडो इकानामी 23.7 प्रतिशत थी । जो विश्व के पटल पर बहुत ज्यादा थी। ये इकोनामी देश आर्थिक गतिविधि तो थी लेकिन जीडीपी में उससे कोई फायदा नहीं हो रहा था। इससे उलट काले धन को बढ़ा रही थी
आज सरकार के जिस प्रकार के प्रयास चल रहे हैं उससे जल्द यह 14 या 13% तक ले आयेंगे जो भारत सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी।
राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत के 143 से पायदान से 77वे पायदान में आना और आंकड़े को छूने एक बहुत बड़ी सरकार की उपलब्धि माना।
लेकिन उन्होंने देश में और आर्थिक सुधार नीति को कड़ाई से शामिल करने की वकालत की है ।केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को और अधिक मजबूत और डिजिटल लेनदेन को और अधिक प्रचार और प्रसार करने की जरूरत है । जिससे देश मे शैडो इकोनामी को समाप्त करने में सरकार को सफलता मिलेगी ।मेक इन इंडिया पर सरकार के प्रयासों को और तेजी से बल देते हुए उन्होंने बताया कि देश की एजुकेशन सिस्टम को रोजगार देने वाली और इंडस्ट्री को किस प्रकार की एजुकेशन वाले विद्यार्थियों की जरूरत है उसके अनुसार बदलाव करने की जरूरत पर बल दिया ताकि इंडस्ट्री को उसकी जरूरत के अनुसार कामगार मिल सके व उसके साथ साथ शिक्षा समाप्त होने के बाद छात्रों को तुरंत रोजगार उपलब्ध हो सके ताकि बेरोजगारी को समाप्त किया जा सके जिससे भारत की इकोनामी को 2022 विश्व के पटल पर दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया जा सके।