जनपथ न्यूज़ :- पटना. राजद नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता के. वेणुगोपाल के साथ शक्ति सिंह गोहिल और अशोक गहलौत, रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा, हम सेक्युलर के जीतनराम मांझी और वीआईपी नेता मुकेश सहनी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार को दिल्ली में एक साथ बैठेंगे। हालांकि, इस पूरी कवायद के केंद्र में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद हैं। पिता के आज्ञानुसार तेजस्वी मंगलवार की शाम दिल्ली पहुंचे। बुधवार को महागठबंधन के अन्य सभी नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं।
होली से पहले सीटों का एलान होने की संभावना
राजद अध्यक्ष भले रिम्स में इलाजरत हैं, पर महागठबंधन की एक-एक सीट पर वह अपनी गोटी सेट किए हुए हैं। उन्होंने राजद की सीटों को लेकर तेजस्वी को सारी बातें समझाते हुए यह भी बता दिया है कि किन-किन सीटों पर किसी भी सूरत में समझौता नहीं करना है? अगले तीन दिन महागठबंधन के लिए बैठकों का दिन है। पूरी संभावना है कि होली के पहले महागठबंधन के दलों की सीटों का एलान हो जाएगा, पता चल जाएगा कि कौन दल कहां से चुनाव लड़ेगा? वीआईपी नेता सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने कहा कि सीटों को लेकर महागठबंधन में कोई परेशानी नहीं है, हम एनडीए की रणनीति पर लगातार निगाह रखे हुए हैं। बुधवार को दिल्ली में बैठक होगी। उपेंद्र कुशवाहा को भी पूरी उम्मीद है कि दिल्ली में सीटें फाइनल होने के बाद होली में उम्मीदवार अपने क्षेत्रों में जनता के सामने होंगे।
सीट बंटवारे में पार्टी के जातीय समीकरण का भी ख्याल
सीट बंटवारे का आधार क्या जातीय समीकरण होगा? महागठबंधन के नेताओं के बीच यह अहम सवाल बना है। राजद मुस्लिम-यादव के फॉर्मूले पर आगे है तो कांग्रेस अकलियत के साथ सवर्णों को साधने की कोशिश में है। मांझी, कुशवाहा और मुकेश सहनी को जोड़कर पिछड़े और दलित समुदाय को गोलबंदी का प्रयास जारी है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि दरभंगा, मधेपुरा, मुंगेर, उजियारपुर की सीटों पर जिच को राजद या कांग्रेस नाक का सवाल नहीं बनाएंगे। सीटों का एेलान करने में ये ही अहम कारण बनेंगे।
मांझी पुराने स्टैंड पर कायम
बैठक में हम (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन हिस्सा लेंगे। जीतन राम ने कहा- हम अपने पुराने स्टैंड पर कायम है। हम राजद और कांग्रेस के बाद सबसे महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक है, ऐसे में उनको इन दोनों पार्टियों के बाद सबसे ज्यादा सीट मिलनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को महागठबंधन में सम्मानजनक सीट मिलेगी। उन्होंने एनडीए में जाने की किसी भी संभावना से इंकार किया। कहा, पार्टी महागठबंधन के उम्मीदवारों को जीताने के लिए मजबूती से काम करेगी। पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक एक दिन टाल दी है। अब यह 15 मार्च को होगी।
वामदलों के साथ भी पर बैठक में होगी चर्चा
राजद और कांग्रेस नेतृत्व, दोनों की इच्छा राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को देखते हुए बिहार में भी वामदलों को लेकर साथ चलने की है। पर सीट एडजस्टमेंट के कारण मामला आगे नहीं बढ़ पाया है। भाकपा माले के लिए आरा सीट और सीपीआई के लिए बेगूसराय सीट छोड़ने पर करीब-करीब सहमति है। पर तीनों वामदल सीपीआई, सीपीएम और माले 4 से 6 सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। अगर वामदलों की सीट 2 से 4 भी की गई तो इसके लिए राजद और कांग्रेस के साथ रालोसपा और लोजद को एक-एक सीट कुर्बान करनी पड़ेगी। लोजद से सिर्फ शरद यादव चुनाव लड़ पाएंगे। रालोसपा की सीट तीन से आगे नहीं बढ़ पाएगी। इस लफड़े के कारण यह मामला राजद और कांग्रेस नेतृत्व स्तर पर सुलझ सकता है। वहीं तय होना है कि बिहार में वामदलों के साथ सौ फीसदी सीट एडजस्टमेंट किया जाए या नहीं?