गौतम सुमन गर्जना
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भागलपुर : वंचित समाज पार्टी चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन ललित मोहन सिंह ने कहा कि एकता के नाम पर महागठबंधन यानी यूपीए के लोग सत्ता हथियाने के नाम पर एकजुट हुए हैं, लेकिन प्रतिदिन कोई इधर जा रह है तो कोई उधर जा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ता सुखभोग को कायम रखने की खातिर यूपीए के सभी नेतागण अपनी-अपनी केवल डफली बजा रहे हैं। बिहार किस दिशा में जा रहा है इसकी चिंता किसी को नहीं है। उन्होंने केंद्र और बिहार सरकार को अंधे और बहरों की सरकाार बताते हुए कहा कि इन लोगों ने कभी बिहार के विषय में नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि बिहार में अब तक जितनी भी सरकारें बनीं, उन्होंने कभी बिहार में औद्योगीकरण के लिए नहीं सोचा। एकमात्र यही कारण है कि आज यह राज्य अतिपिछड़ा का रुप ले चुका है और यहां के लोग रोजी-रोजगार के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी को साथ लाकर एक चाल चली थी, लेकिन अब दोेनों अलग-अलग चल रहे है।
श्री सिंह ने कहा कि जिस तरह से लाॅकडाउन खोला जा रहा है, वह इस बात का द्योतक है कि अब बिहार में सामुदायिक संक्रमण होने वाला है। केंद्र व राज्य सरकार ने एक साजिश के तहत लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया है। यदि लोग बच गए, तो यहह उनकी किस्मत है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की आड़ में बिहार सरकार एक लाख से ज्यादा बुनकर, 5 लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षक और 3 लाख से उपर जूनियर वकील को आर्थिक संकट में डाले हुए हैं। ऐसी स्थिति में सरकार है कहां…है? उन्होंने इस सवाल के जवाब में बताया कि सरकार चंद अधिकारियों की जेब में है और पूरे राज्य सरकार की नीति और नियति के फर्क के के कारण में लूट खसोट का बाजार गर्म करने में वह व्यस्त है।

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