पटना : बिहार स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन सह महाअधिवक्ता ललित किशोर द्वारा कोरोना के दंश से प्रभावित वकीलों की सहायता के लिए बिहार के वकीलों के लिए दो करोड़ रूपया जारी करने के बाद प्रभावित अधिवक्ताओं के बीच राशि वितरण को लेकर बिहार बार काउंसिल के चेयमैन ललित किशोर द्वारा तकनीकी पेंच डालना वैश्विक महामारी के चपेट में फंसे आधिवक्ताओं के साथ घोर अन्याय हैएआधिवक्ताओं को किसी प्रकार की सरकारी सहायता या बार काउंसिल द्वारा किसी प्रकार की मदद अभी तक प्राकृतिक आपदा काल में नही की गई है। अब अधिवक्ताओं से बिहार बार काउंसिल द्वारा बैंक या पोस्ट ऑफिस में में कैश नही होने, जमीन नही होने, मकान नही होने, आयकर दाता नही होने का कागजात मांगा जाना आपदाकाल में आधिवक्ताओं के साथ क्रर मजाक है। अधिवक्तताओ का कहना है कि काउंसिल की कार्यवाई आपदा काल में संवेदनहीनता का परिचायक है। पटना हाई कोर्ट के अधिवकता चंदन कुमार , कानूनी सहायता केंद्र के विक्रमादित्य गुप्त,रमाकांत वर्मा , बृजेश गोस्वामी , अमरदीप पांडेय ने बिहार बार काउंसिल के द्वारा अधिवक्ताओं के लिए जारी सहायता राशि को कागजी दाव पेंच में फंसाने पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि आपदा प्रभावित आधिवक्ताओं को तत्काल सहायता राशि इनरौलमेंट नं एवं बैक खाते के आधार पर नियमित कोर्ट आने वाले को उपलब्ध कराए ताकि प्राकृतिक विभीषिका के चपेट में आकर ऑथिक रूप से बरबाद हो चुके वकील भुखमरी के शिकार न हो सकें ।