जनपथ न्यूज़ नई पटना :- लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद सक्रिय राजनीति में लौटे तेजस्वी यादव की पहली ही बैठक विवादों के साये में आ गई है. 42 दिनों के लंबे अंतराल के बाद एक्शन में लौटे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को पटना में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. राबड़ी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड में होने वाली इस बैठक में जहां मिशन 2020 को लेकर चर्चो होगी तो वहीं आरजेडी (RJD) की सदस्यता अभियान की भी समीक्षा की जाएगी. तेजस्वी की अध्यक्षता में होने वाली यह बैठक पहले ही सवालों के घेरे में आ गई है.
पूर्व मंत्री को नहीं मिली एंट्री तो नहीं पहुंचे भाई वीरेंद्र
सूबे के पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी समेत पार्टी के कई नेता और जिलाध्यक्षों के साथ-साथ प्रखंड अध्यक्षों को पार्टी की इस बैठक में जाने की अनुमति नहीं मिली. इसको लेकर कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया. पार्टी की ओर से जारी की लिस्ट में जिनका नाम है, उन्हीं लोगों को बैठक में जाने दिया गया. पार्टी की इस कार्यशैली से कई नेता नाराज हैं. दूसरी तरफ, RJD की इस बैठक में पार्टी के सीनियर नेता और मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र भी नहीं शामिल होंगे. भाई वीरेंद्र से जब बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बैठक की जानकारी नहीं दी गई है.
शिवानंद ने भी बनाई दूरी
RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी भी पार्टी की इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. इसको लेकर उन्होंने पार्टी को लिखित जानकारी दी है. तिवारी के मुताबिक, वह पारिवारिक कारणों से जमशेदपुर में हैं. तिवारी ने कहा कि आज की बैठक में आमंत्रित करने के लिए नेता प्रतिपक्ष ने फ़ोन किया था, लेकिन खेद है कि पटना में न रहने की वजह से वह इस बैठक शामिल नहीं हो पाएंगे. तिवारी ने कहा कि वह इस बैठक में लिए जाने वाले निर्णयों के साथ रहेंगे.
जानकारी के मुताबिक, पार्टी की इस हाई लेवल मीटिंग में तेजस्वी प्रदेश कार्यसमिति के 43 सदस्यों और 331 पदाधिकारियों के साथ तेजस्वी सदस्यता अभियान पर चर्चा करेंगे. साथ ही लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के कारणों और 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी बात होगी.

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