जनपथ न्यूज़:- बिहार में एक बार फिर इंसानियत को शर्मिंदा करने वाला मामला सामने आया है। सोमवार को मुंगेर सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर का दृश्य देख कर मानवता फिर से कलंकित हो गई। पोस्टमार्टम हॉउस के बाहर एक शव खुलेआम पड़ा हुआ था।
पोस्टमार्टम के बाद सड़क किनारे रखे इस शव को कुत्ते नोच कर खाते दिखे। खबरों के अनुसार सड़क किनारे सरेराह छोड़ा गया शव लखीसराय जिला के मेदनीचौकी थाना क्षेत्र के बंसगढ़ा निवासी नवीन बिंद का था। जिसे गंगा से बरामद कर मेदनी चौकी पुलिस सोमवार को पोस्टमार्टम कराने सदर अस्पताल पहुंची थी। पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस वहां से चली गई। शव के साथ आई मृतक की सास सविता देवी, पत्नी शीला देवी व गोद में एक साल का मासूम बच्चा था। मृतक के परिजनों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अंतिम क्रिया कर सके।
मामले में मेदनी चौकी थानाध्यक्ष मुकेश कुमार वर्मा ने मीडिया को बताया कि शव की बरामदगी मुंगेर मुफस्सिल थाना क्षेत्र में हुई थी एवं मुफस्सिल थाना के चौकीदार अशोक पासवान को शव हस्तगत कराया गया था। जबकि मुफस्सिल थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद मृतक के शव को उसकी पत्नी शीला देवी को सौंप दिया गया था।
बता दें कि बिहार में कुत्तों द्वारा शव नोचे जाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले इसी वर्ष 12 फरवरी को सासाराम में एक कुत्ते ने लावारिस नवजात शिशु को नोच डाला था। यह घटना शहर के न्यू डिलिया स्थित लाला कॉलोनी में की थी। वहां मौजूद लोगों ने कुत्ते को मारकर नवजात शिशु को छुड़ाया। लेकिन जब तक लोगों ने बच्चे को कुत्ते से छुड़ाया तब तक देर हो चुकी थी और कुत्ता शिशु के कई अंगों को काटकर खा चुका था।
इससे पहले 22 अक्टूबर 2018 को बक्सर जिले के सदर अस्पताल में एक कुत्ता इलाज करने आए मरीज का कटा हुआ पैर लेकर भाग गया था। यह व्यक्ति ट्रेन से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसके बाद इसे सदर अस्पताल उपचार लाया गया था। इलाज के दौरान डॉक्टरों को उस व्यक्ति का एक पैर काटना पड़ा था। अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण एक आवारा कुत्ता अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर घुस आया और वह उस व्यक्ति के कटे पैर को मुंह में दबाकर भाग गया। हालांकि बाद में घायल व्यक्ति की मौत भी हो गयी।
इतना ही नहीं दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (DMCH) में लापरवाही के कारण एक नवजात को चूहों ने कुतर दिया था जिसके कारण उस मासूम की मौत हो गई थी। इसके साथ ही कभी सूअर तो कभी चींटियों ने इंसान को अपना आहार बनाया।