जनपथ न्यूज़ :-  बिहार के खगड़िया में एक अनोखा मामला देखने को मिला है, जहां अब पुलिस  मृत व्यक्ति  को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है. यह पंक्ति पढने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा, परन्तु ये सच है. दरअसल खगडिय़ा की स्पेशल कोर्ट ने मुर्दे की गवाही हेतु उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है.  उत्पाद विभाग के सिपाही राजेश कुमार सिंह की वर्षों पूर्व मुंगेर में सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है, जबकि उनके नाम पर अब वारंट जारी किया गया है
क्या है पूरा मामला
सिपाही राजेश कुमार सिंह 2006 में खगडिय़ा उत्पाद विभाग में पदस्थापित थे. उसी समय शराब समेत तस्कर को गिरफ्तार किया गया था. इस आलोक में विभाग द्वारा वाद दायर किया गया, जिसमें सिपाही राजेश कुमार सिंह, सिपाही सुरेश प्रसाद सिन्हा, सिपाही उपेंद्र प्रसाद तथा अवर निरीक्षक अशेश्वर प्रसाद यादव गवाह बनाए गए थे. वहीं एक अन्य मामले में भी राजेश समेत अन्य को गवाह बनाया गया.
इन मामलों में गवाह बनाए गए कई सिपाही सेवानिवृत हो गए, जबकि कुछ का वर्षों पूर्व अन्य जिलों में तबादला हो गया. जबकि राजेश कुमार की मृत्यु हो चुकी है. इस मुकदमे में तारीख दर तारीख चलती रही, लेकिन कोर्ट के  संज्ञान में यह नहीं दिया गया कि गवाह की मौत हो गई अथवा वे सेवानिवृत हो गए. अब हाल ही में जब उक्त मामले की फाइल खुली तब इन गवाहों पर गवाही के लिए वारंट निर्गत किया गया.
इस मामले पर स्पेशल कोर्ट के पीपी प्रियरंजन कुमार का कहना है कि किसी गवाह अथवा अभियुक्त की यदि मृत्यु हो गई, तो पुख्ता साक्ष्य  संबंधित कोर्ट में प्रस्तुत करना चाहिए. इस संबंध में खगडिय़ा के उत्पाद अधीक्षक कृष्ण मुरारी ने बताया कि सभी जिलों के सहायक आयुक्त उत्पाद, अधीक्षक उत्पाद को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है कि उक्त मामले के गवाहों में शामिल सिपाही व अधिकारी यदि उनके जिलों में पदस्थापित हों, तो गवाही देने हेतु आदेशित करेंगे. उन्‍होंने सिपाही राजेश कुमार कर मौत के सत्यापन की भी बात भी कही.

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