जनपथ न्यूज़ :- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन 2019 की घोषणा रविवार को कर दी गई है। निर्वाचन की घोषणा की तिथि से ही जिले में भी आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। दूसरी ओर, विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया गया है। इस अवधि में विभिन्न राजनैतिक दलों तथा प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार के लिए जन सभा व जुलूस का आयोजन किया जायेगा। जनसभा एवं जुलूस में राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता एवं प्रतिस्पर्धा के कारण शस्त्र एवं शक्ति प्रदर्शन कर मतदाताओं को प्रभावित/ आतंकित किये जाने तथा विधि-व्यवस्था भंग होने की प्रबल संभावना है। इसके अतिरिक्त मतदाताओं को डराने, धमकाने, जातीय, साम्प्रदायिक तथा धार्मिक विद्वेष की भावना फैलाने के लिए अवांछित/ असमाजिक तत्वों के सक्रिय होने के कारण विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिसके कारण लोक शांति भंग हो सकती है। जिला दंडाधिकारी कुमार रवि ने संतुष्ट होकर चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक अथवा अधिकतम 60 दिनों तक, जो भी पहले हो, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण पटना जिला के अंतर्गत आदेश जारी किया है जिसमें किसी भी व्यक्ति/राजनैतिक दल/संगठन द्वारा राजनैतिक प्रयोजन से संबंधित किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, धरना या प्रदर्शन का आयोजन तथा ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना सक्षम पदाधिकारी की पूर्वानुमति के नहीं किया जायेगा। साथ ही अनुमति की शतरे के प्रतिकूल कोई भी कार्य नहीं किया जायेगा। ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात्रि 10 बजे से प्रात: 06 बजे तक वर्जित रहेगा। कोई भी व्यक्ति अथवा राजनैतिक दल अथवा संगठन किसी प्रकार का पोस्टर, पर्चा, आलेख, फोटो आदि अथवा किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध आपत्तिजनक पर्चा, आलेख, फोटो आदि का प्रकाशन नहीं करेंगे, जिससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो। कोई भी व्यक्ति/ राजनैतिक दल/ संगठन किसी धार्मिक स्थल का उपयोग राजनैतिक प्रचार आदि के लिए नहीं करेंगे। साम्प्रदायिक भावना को भड़काने का कार्य नहीं करेंगे। कोई भी व्यक्ति/राजनैतिक दल/संगठन मतदाताओं को डराने, धमकाने एवं किसी भी पल्रोभन में लाने का कार्य नहीं करेंगे। प्रदूषण फैलाने वाली प्रचार सामग्रियों का इस्तेमाल राजनैतिक प्रचार-प्रसार के लिए नहीं किया जायेगा। कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, तीर-धनुष, लाठी, भाला, गड़ांसा एवं मानव शरीर के लिए घातक कोई भी हथियार का प्रदर्शन सार्वजनिक रूप से नहीं करेंगे। यह आदेश परंपरागत ढंग से शस्त्र धारण करने वाले समुदाय, विधि-व्यवस्था एवं निर्वाचन कर्तव्य पर लगे दंडाधिकारी/निर्वाचन कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर लागू नहीं होगा। यह आदेश जिला दंडाधिकारी द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन के अवसर पर निर्गत किये जाने वाले आदेश पर निर्दिष्ट तिथि को निर्दिष्ट स्थान पर शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा शस्त्र निरीक्षण कराने एवं शस्त्र जमा करने के लिए शस्त्र ले जाने वाले अनुज्ञप्तिधारियों पर शिथिल रहेगा। किसी भी राजनैतिक दल/व्यक्ति/संगठन द्वारा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के संदर्भ में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के विपरीत कोई कार्य नहीं किया जायेगा।