जनपथ न्यूज़ सहरसा.  खगड़िया के पसराहा थानाध्यक्ष शहीद आशीष सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए सरोजा गांव में जनसैलाब उमड़ पड़ा। अंतिम सलामी के बाद आशीष के 6 साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। शहीद आशीष का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।
आशीष की शहादत से गांव में मातम
आशीष के परिवार में उनकी और दो बच्चे हैं। इसके अलावा उनकी की मां कैंसर से पीड़ित हैं जिनका इलाज आशीष मुंबई में करा रहे थे। आशीष की शहादत के पूरे गांव का माहौल गमगीन है। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
सप्तमी को आशीष ने किया था गांव आने का वादा
पिता गोपाल नारायण सिंह बताते हैं कि शुक्रवार दोपहर बेटे से बात हुई थी और उसने सप्तमी को गांव आने का वादा किया था। हमें क्या मालूम था कि बेटे से हमारी आखिरी बात हो रही है।
पिता ने याद दिलाया था कि गांव में इस बार दुर्गा मां की मूर्ति आशीष की तरफ से दी गई है, ऐसे में दर्शन के लिए आना जरूरी है। दुर्गा पूजा में इस बार दी जाने वाली बलि की मन्नतें शहीद आशीष के नाम से ही होने वाली थी। आशीष ने कहा था कि एसपी मैडम से छुट्टी मिली तो गांव जरूर आऊंगा।
डकैतों से मुठभेड़ में हुए थे शहीद
नारायणपुर के दुधेला दियारा में शुक्रवार की रात पौने दो बजे पुलिस और दिनेश मुनि गिरोह के डकैतों से मुठभेड़ में थानेदार आशीष सिंह शहीद हो गए। थानेदार एक डकैत का पीछा करते हुए दुधेला दियारा में पहुंच गए थे। उनके साथ चार सिपाही भी थे। इसी दौरान दियारा में डकैतों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। पुलिस ने भी डकैतों का जमकर मुकाबला किया। लेकिन एक गोली थानेदार के पेट में लग गई। जख्मी हालत में भी थनेदार ने एक अपराधी को मार गिराया था।

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